Lucknow से शुरू होने वाली पहली हज फ्लाइट इस बार खास होगी। राज्य हज कमेटी ने घोषणा की है कि यह उड़ान महिला स्पेशल होगी, जिसमें गैर-महरम कैटेगरी की 63 महिलाएं शामिल होंगी। उत्तर प्रदेश से कुल 17,226 यात्री हज यात्रा पर जाएंगे। यह फैसला महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम है।
Lucknow Women Special Haj Flight: उत्तर प्रदेश से हज यात्रा का आगाज़ इस बार एक खास उड़ान से होने जा रहा है। राज्य हज कमेटी ने निर्णय लिया है कि लखनऊ से रवाना होने वाली पहली हज फ्लाइट महिला स्पेशल होगी। इसमें गैर-महरम कैटेगरी की कुल 63 महिलाएं शामिल होंगी। यह कदम महिला सशक्तिकरण और हज यात्रा की नई परंपरा के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
राज्य हज कमेटी के अनुसार इस वर्ष उत्तर प्रदेश से कुल 17,226 यात्री हज यात्रा पर जाएंगे। इनमें बड़ी संख्या महिला यात्रियों की भी है। खास बात यह है कि गैर-महरम कैटेगरी (बिना पुरुष अभिभावक के हज यात्रा पर जाने वाली महिलाएं) की 63 महिलाएं इस बार पहली फ्लाइट का हिस्सा बनेंगी। हज यात्रा की आधिकारिक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और मई के अंत तक पहली फ्लाइट लखनऊ एयरपोर्ट से रवाना होगी।
राज्य हज कमेटी ने हज कमेटी ऑफ इंडिया को पत्र भेजकर पहली फ्लाइट को महिला स्पेशल बनाए जाने की सिफारिश की है। इस प्रस्ताव को हज कमेटी ऑफ इंडिया से मंजूरी भी मिल गई है। कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि उत्तर प्रदेश से पहली हज फ्लाइट महिला स्पेशल होगी। यह मुस्लिम महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और उनकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
इस्लामी परंपरा में महिलाएं आमतौर पर हज यात्रा पुरुष रिश्तेदार (महरम) के साथ करती रही हैं। लेकिन हाल के वर्षों में यह प्रतिबंध हटा दिया गया और महिलाओं को समूह में बिना महरम के भी हज यात्रा की अनुमति मिल गई।
63 महिलाओं की इस खास यात्रा को लेकर लखनऊ और अन्य जिलों में उत्साह का माहौल है। प्रयागराज की सायरा बानो, जो गैर-महरम कैटेगरी में शामिल हैं, ने कहा हमारे लिए यह जीवन का सबसे पवित्र अवसर है। पहली उड़ान में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है। लखनऊ की नसीम फातिमा ने कहा कि वह वर्षों से हज पर जाने का इंतजार कर रही थीं और अब बिना किसी पुरुष अभिभावक के जाना उनकी आजादी का प्रतीक है।
हज यात्रा में महिलाओं की स्वतंत्र भागीदारी को मुस्लिम समाज में सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। पहले यह धारणा थी कि महिलाएं अकेले हज नहीं कर सकतीं, लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं। धर्मगुरुओं का मानना है कि यह कदम समाज में महिलाओं की धार्मिक भागीदारी को और मजबूत करेगा। साथ ही सरकार और हज कमेटी का यह निर्णय मुस्लिम महिलाओं के आत्मविश्वास और समानता का प्रतीक है।
पहली उड़ान के महिला स्पेशल होने के बाद बाकी उड़ानों में भी महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम रहेंगे। राज्य हज कमेटी ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो भविष्य में और भी महिला स्पेशल फ्लाइट्स चलाई जा सकती हैं।