UP Govt Diwali Gift: उत्तर प्रदेश सरकार ने दशहरा और दीपावली पर यात्रियों को राहत देते हुए एसी बसों के किराए में 10 प्रतिशत की कटौती की है। अब जनरथ, पिंक, शताब्दी, वोल्वो और एसी शयनयान बसों में सफर पहले से सस्ता हो जाएगा। यह छूट निगम की आय प्रभावित किए बिना लागू की गई है।
UP Transport Diwali Gift 2025: त्योहारी सीजन में यात्रियों के लिए राहत भरी खबर आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने दशहरा और दीपावली के अवसर पर यात्रियों को बड़ी सौगात देते हुए राज्य परिवहन निगम की सभी वातानुकूलित बसों का किराया घटाने का निर्णय लिया है। परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने घोषणा की है कि एसी बसों के किराए में की गई लगभग 10 प्रतिशत की कमी को आगामी आदेशों तक जारी रखा जाएगा। सरकार का कहना है कि यह कदम यात्रियों को बेहतर सेवा देने और अधिक से अधिक लोगों को वातानुकूलित बसों की ओर आकर्षित करने के लिए उठाया गया है।
सरकार के इस निर्णय से यात्रियों को अब पहले की तुलना में सस्ता किराया देना होगा। प्रदेशभर में परिवहन निगम की जनरथ, पिंक बसें, शताब्दी, हाई-एंड (वोल्वो) और वातानुकूलित शयनयान बसों में यह छूट लागू होगी।
परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि निगम की लाभ-हानि की स्थिति और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किराए में कटौती की गई है। पिछले कुछ वर्षों में एसी बसों का किराया अपेक्षाकृत अधिक होने से कई यात्री साधारण और गैर-एसी बस सेवाओं को प्राथमिकता दे रहे थे। इस वजह से निगम की आय पर भी असर पड़ रहा था। मंत्री ने कहा कि "हम चाहते हैं कि आम लोग भी वातानुकूलित बसों में सफर का आनंद उठा सकें। यह छूट सिर्फ राहत ही नहीं बल्कि यात्रियों को एसी सेवाओं से जोड़ने की एक पहल भी है।"
किराए में कमी से जहां यात्रियों को फायदा होगा, वहीं सवाल उठ रहा है कि निगम की आय पर इसका क्या असर पड़ेगा? परिवहन मंत्री ने इस पर स्पष्ट किया है कि निगम के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि पिछले वर्ष की तुलना में सकल आय में कमी न आए। विशेषज्ञों का कहना है कि किराए में कमी से यात्रियों की संख्या बढ़ सकती है, जिससे निगम को यात्रियों की संख्या के हिसाब से ज्यादा आय हो सकती है। यानी घाटे की आशंका के बजाय यह कदम लंबे समय में निगम की आय में सुधार भी कर सकता है।
इस घोषणा के बाद यात्रियों में खुशी की लहर है। कई नियमित यात्री इसे सरकार की बड़ी सौगात बता रहे हैं। लखनऊ से वाराणसी जाने वाले एक यात्री ने कहा कि "एसी बसें आरामदायक होती हैं, लेकिन महंगे किराए की वजह से अक्सर सामान्य बस में जाना पड़ता था। अब किराया कम होने से त्योहारों में परिवार के साथ आराम से सफर कर पाएंगे।"कानपुर की एक छात्रा ने बताया कि एसी बसें सुरक्षित और सुविधाजनक होती हैं, लेकिन बजट के कारण वह सामान्य बस लेती थी। अब छूट मिलने से वह एसी बसों को प्राथमिकता देंगी।
प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि जनवरी 2024 के बाद पंजीकृत नई वातानुकूलित बसों का किराया निर्धारित रहेगा और उसमें कोई छूट नहीं दी जाएगी। यानी छूट का लाभ मुख्य रूप से मौजूदा बेड़े की एसी बसों पर ही मिलेगा। पुराने किराए और नए किराए की तुलना करें तो औसतन प्रति यात्री 8-10 प्रतिशत की बचत होगी। उदाहरण के लिए, लखनऊ से दिल्ली वोल्वो बस का किराया पहले लगभग 1200 रुपये पड़ता था, अब इसमें करीब 100-120 रुपये तक की कमी होगी।
दशहरा और दीपावली के समय यातायात का दबाव बढ़ जाता है। लोग परिवार के साथ यात्रा करते हैं, ऐसे में किराए में कटौती यात्रियों को बड़ी राहत देगी। यह न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से सहायक है बल्कि सामान्य और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए एसी बसों में यात्रा करना आसान बनाएगा।
लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजय मिश्रा का कहना है,"त्योहारी सीजन में जब खपत और यात्राएं बढ़ती हैं, तब किराए में कमी उपभोक्ताओं को राहत देती है। इससे एसी बसों की भराव क्षमता (occupancy) बढ़ेगी और निगम की आय स्थिर रहेगी। यह कदम सामाजिक दृष्टि से भी लाभकारी है।"
परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक यात्री निगम की एसी बसों का उपयोग करें। इसके लिए न सिर्फ किराए में कटौती की गई है, बल्कि सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने की भी योजना है। बेहतर सीटिंग, समय पर संचालन और सुरक्षा पर भी जोर दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, परिवहन निगम आने वाले महीनों में नई पीढ़ी की एसी बसें भी शुरू करने जा रहा है, जिनमें जीपीएस ट्रैकिंग और आधुनिक सुविधाएँ होंगी।