UP Police Firecracker Crackdown: दीपावली से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रदेशभर में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। डीजीपी मुख्यालय के निर्देश पर 10 से 25 अक्टूबर तक “विशेष अभियान” चलाया जाएगा। हर दिन शाम छह बजे तक जिलों को कार्रवाई की रिपोर्ट भेजनी होगी।
UP Police Illegal Firecracker Factories Action: दीपावली से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों पर शिकंजा कसने के लिए राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत कर दी है। डीजीपी मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया जाए और हर दिन शाम 6 बजे तक कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाए। यह अभियान न केवल अवैध निर्माण और भंडारण को रोकने के लिए है, बल्कि सुरक्षा मानकों के पालन और दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए भी शुरू किया गया है। पिछले कुछ महीनों में कई जिलों में पटाखा गोदामों में हुए धमाकों ने जनहानि और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया था, जिससे पुलिस अब पहले से अधिक सतर्क है।
डीजीपी मुख्यालय से जारी आदेश के अनुसार,“प्रदेश के सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्राधिकार में किसी भी स्थान पर अवैध पटाखा फैक्ट्री या गोदाम संचालित न हो।”आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 10 अक्टूबर की कार्रवाई का ब्यौरा उसी दिन शाम 5 बजे तक मुख्यालय की ईमेल आईडी section 8-lo@up.gov.in पर सॉफ्ट और हार्ड कॉपी दोनों रूपों में भेजा जाए। हर जिले से 25 अक्टूबर तक हर दिन की रिपोर्ट समय से भेजनी अनिवार्य की गई है।
उत्तर प्रदेश में बीते कुछ महीनों में अवैध पटाखा निर्माण इकाइयों और गोदामों में विस्फोट की कई घटनाएं सामने आईं थीं। कानपुर, मुरादाबाद, बरेली, अयोध्या, और बलरामपुर जैसे जिलों में हुए हादसों में कई लोगों की मौत हुई थी। इन घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक निगरानी पर गंभीर सवाल उठाए थे।इन्हीं घटनाओं को देखते हुए पुलिस विभाग ने इस बार दीपावली से पहले सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) एल.आर. कुमार ने कहा कि “यह अभियान न केवल अवैध पटाखा निर्माण पर रोक लगाने के लिए है, बल्कि भंडारण के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए भी शुरू किया गया है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
अभियान के तहत प्रदेश के सभी जिलों में सघन जांच और छापेमारी शुरू कर दी गई है।
पुलिस टीमों को आदेश दिए गए हैं कि
कुछ जिलों जैसे कानपुर, वाराणसी, लखनऊ और मेरठ में पहले दिन ही कई जगह छापेमारी कर अवैध पटाखे जब्त किए गए। लखनऊ के मोहनलालगंज और अमेठी रोड इलाके में पुलिस ने दो अवैध गोदाम सील किए हैं।
डीजीपी मुख्यालय ने साफ चेतावनी दी है कि यदि अभियान के दौरान किसी जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्री या गोदाम के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। मुख्यालय ने कहा है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या ढिलाई पाए जाने पर कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। आदेश की प्रतिलिपि सभी परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षकों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और जनपद प्रभारियों को भेजी गई है ताकि अभियान की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जा सके।
डीजीपी मुख्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अभियान का मुख्य उद्देश्य केवल अवैध फैक्ट्रियों को बंद कराना नहीं है, बल्कि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित कराना भी प्राथमिकता है। पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे गोदामों में अग्निशमन यंत्र, वेंटिलेशन सिस्टम और सुरक्षित दूरी जैसी व्यवस्थाओं की जांच करें। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लखनऊ रेंज, "पिछले वर्षों में कई हादसे सिर्फ इसलिए हुए क्योंकि सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी। इस बार कोई जोखिम नहीं लिया जाएगा।”
पुलिस को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे स्थानीय प्रशासन, अग्निशमन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला आपूर्ति विभाग के साथ समन्वय बनाएं। संयुक्त निरीक्षण टीमों को ग्रामीण और शहरी इलाकों में गहराई से जांच करने के आदेश दिए गए हैं। जिन गोदामों के पास वैध लाइसेंस है, उन्हें भी सुरक्षा नियमों का अनुपालन प्रमाणित करना होगा।
अभियान के दौरान पुलिस जन जागरूकता कार्यक्रम भी चलाएगी। आम नागरिकों से अपील की जाएगी कि वे अवैध पटाखा निर्माण या भंडारण की जानकारी तुरंत स्थानीय थाने में दें। लखनऊ पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिस पर ऐसी जानकारी दी जा सकती है। लखनऊ पुलिस आयुक्त का बयान; किसी भी व्यक्ति को अवैध तरीके से पटाखे बनाने या बेचने की जानकारी हो, तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करे। ऐसी सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
अभियान के तहत जिन स्थानों पर बिना अनुमति पटाखा निर्माण या भंडारण पाया जाएगा, उनके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम 1884, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। ऐसे मामलों में न केवल संचालक बल्कि मकान मालिक और सहयोगियों को भी आरोपी बनाया जाएगा।
पुलिस विभाग का मानना है कि दीपावली के त्योहार के दौरान अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और असुरक्षित भंडारण स्थलों से सबसे अधिक खतरा रहता है। इसलिए यह अभियान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) एल.आर. कुमार ने कहा कि दीपावली खुशियों का पर्व है, इसे किसी हादसे से नहीं, बल्कि सुरक्षा और अनुशासन से मनाया जाना चाहिए।