UP PPS Transfer officers: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल के तहत 27 पीपीएस अधिकारियों का तबादला किया है। इनमें भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाई गईं दीपशिखा अहिबरन का नाम भी शामिल है, जिन्हें गोंडा से इटावा भेजा गया है। तबादलों का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता और कानून-व्यवस्था में सुधार करना है।
UP PPS Transfer: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत 27 पीपीएस (प्रोविंशियल पुलिस सर्विस) अधिकारियों का तबादला किया है। इस तबादला सूची में कई महत्वपूर्ण अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिनमें भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाई गईं दीपशिखा अहिबरन का नाम भी प्रमुख है। इन तबादलों का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करना है।
इन तबादलों में कई अधिकारियों को उनके अनुरोध पर स्थानांतरित किया गया है, जबकि कुछ का ट्रांसफर समायोजन के चलते किया गया है। इससे पहले गुरुवार शाम को भी 25 डिप्टी एसपी के ट्रांसफर किए गए थे।
दीपशिखा अहिबरन मूल रूप से मैनपुरी जिले की रहने वाली हैं और 2017 बैच की पीपीएस अधिकारी हैं। बरेली के मीरगंज में सीओ रहते हुए उन पर लोगों से अवैध वसूली और अभद्रता के आरोप लगे थे। हिंदू संगठनों ने उन्हें हटाने के लिए धरना प्रदर्शन भी किया था।
बरेली में पोस्टिंग के दौरान दीपशिखा पर एक ईंट भट्ठा मालिक से 2 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि सीओ ने मुझसे ज्यादा पैसों की मांग की थी। मैंने इतने पैसे देने से मना कर दिया। इस पर सीओ ने कहा कि पैसे दो नहीं तो ट्रैक्टर ट्राली और जेसीबी को खनन में सीज कर दूंगी। कोर्ट में तो तुम्हें चार लाख की फीस देनी होगी, मैं तो तुमसे 2 लाख ही मांग रही हूं।
तत्कालीन सीओ दीपशिखा ने एक ट्रैक्टर और एक जेसीबी को सीज कर दिया था। एसएसपी ऑफिस में पीड़ित के बयान लिए गए। पूरे मामले की जांच में सीओ दीपशिखा का भी बयान दर्ज किया गया था। जांच पूरी होने पर दीपशिखा को दोषी पाया गया था।
सूत्रों के अनुसार इन तबादलों का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना, कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करना और अधिकारियों को नई जिम्मेदारियों के साथ फील्ड में अनुभव देना है। कुछ अधिकारियों को उनके अनुरोध पर स्थानांतरित किया गया है, जबकि कुछ का ट्रांसफर समायोजन के चलते किया गया है।