
फोटो सोर्स: Patrika लखनऊ में निरीक्षण करती IAS ऋतु महेश्वरी, जमीनी विकास कार्यों का जायजा
UP Government Action: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर राज्य की विकास परियोजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए वरिष्ठ IAS अधिकारियों को जिलों में फील्ड पर भेजने का निर्णय लिया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि विकास कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार के आदेशानुसार 24 और 25 मई को यह सभी अधिकारी अपने-अपने आवंटित जिलों में निरीक्षण करेंगे और वहां चल रही ₹50 करोड़ या उससे अधिक लागत वाली परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन करेंगे। इसके साथ ही, गोसेवा स्थलों, जल संरक्षण योजनाओं और स्वच्छता परियोजनाओं का भी निरीक्षण किया जाएगा। इस निरीक्षण के आधार पर 26 मई को ये सभी अधिकारी अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपेंगे, जो राज्य सरकार के लिए आगामी रणनीति निर्धारण में सहायक होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम विकास कार्यों में जमीनी वास्तविकता को जानने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। निरीक्षण के मुख्य उद्देश्य हैं:
| प्राथमिक क्षेत्र | विवरण |
| लागत सीमा | ₹50 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं |
| निरीक्षण की तिथि | 24 व 25 मई 2025 |
| रिपोर्ट तिथि | 26 मई 2025 |
| प्रमुख बिंदु | गोशालाएं, जल योजनाएं, स्वच्छता, निर्माण कार्य |
| रिपोर्टिंग अधिकारी | मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन |
इस आदेश के पीछे सरकार की स्पष्ट मंशा है कि कागज़ी प्रगति की जगह वास्तविक विकास को प्राथमिकता दी जाए। कई बार यह देखने में आया है कि योजनाओं का बजट तो स्वीकृत हो जाता है लेकिन ग्राउंड पर काम अधूरा रहता है या गुणवत्ता में समझौता किया जाता है। फील्ड निरीक्षण से संबंधित अधिकारियों की सीधी जवाबदेही तय होगी। साथ ही रिपोर्ट के आधार पर जिन परियोजनाओं में विलंब, भ्रष्टाचार या लापरवाही पाई जाएगी, उन पर कार्रवाई की सिफारिश भी की जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित गोसेवा स्थलों (गौशालाओं) और जल संरक्षण परियोजनाओं को इस बार खास तवज्जो दी जा रही है। इन योजनाओं को सामाजिक और पर्यावरणीय सरोकारों से जोड़कर देखा जा रहा है। IAS अधिकारी इन योजनाओं की भी साइट विज़िट करेंगे और ज़मीनी समस्याएं समझकर सरकार को रिपोर्ट देंगे।
Updated on:
22 May 2025 02:51 pm
Published on:
22 May 2025 02:50 pm
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