7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP के जिलों में उतरेंगे IAS अधिकारी, 50 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का करेंगे भौतिक सत्यापन, 26 मई को देंगे रिपोर्ट

UP Development: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए सभी जिलों में वरिष्ठ IAS अधिकारियों को फील्ड निरीक्षण पर भेजा है। ये अधिकारी 24-25 मई को 50 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे और 26 मई को मुख्य सचिव को विस्तृत रिपोर्ट देंगे।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

May 22, 2025

फोटो सोर्स: Patrika लखनऊ में निरीक्षण करती IAS ऋतु महेश्वरी, जमीनी विकास कार्यों का जायजा

फोटो सोर्स: Patrika लखनऊ में निरीक्षण करती IAS ऋतु महेश्वरी, जमीनी विकास कार्यों का जायजा

UP Government Action: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर राज्य की विकास परियोजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए वरिष्ठ IAS अधिकारियों को जिलों में फील्ड पर भेजने का निर्णय लिया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि विकास कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके।

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नीति लागू, अब पति-पत्नी एक ही जिले में कर सकेंगे सेवा

सरकार के आदेशानुसार 24 और 25 मई को यह सभी अधिकारी अपने-अपने आवंटित जिलों में निरीक्षण करेंगे और वहां चल रही ₹50 करोड़ या उससे अधिक लागत वाली परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन करेंगे। इसके साथ ही, गोसेवा स्थलों, जल संरक्षण योजनाओं और स्वच्छता परियोजनाओं का भी निरीक्षण किया जाएगा। इस निरीक्षण के आधार पर 26 मई को ये सभी अधिकारी अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपेंगे, जो राज्य सरकार के लिए आगामी रणनीति निर्धारण में सहायक होगी।

यह भी पढ़ें: अब पति-पत्नी एक ही जिले में कर सकेंगे नौकरी – जानिए नया आदेश

निरीक्षण का उद्देश्य और प्राथमिकताएं

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम विकास कार्यों में जमीनी वास्तविकता को जानने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। निरीक्षण के मुख्य उद्देश्य हैं:

  • 50 करोड़ से अधिक की लागत की परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी
  • कार्यों की गुणवत्ता की भौतिक पुष्टि
  • समयसीमा के अनुसार परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी
  • गोसेवा और जल संरक्षण जैसे सामाजिक अभियानों का समीक्षा मूल्यांकन
  • संबंधित अधिकारियों को उत्तरदायी बनाने की प्रक्रिया को तेज करना
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि सभी IAS अधिकारी व्यक्तिगत रूप से संबंधित जिलों में जाकर स्थल निरीक्षण करें और कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट बिना लाग लपेट के प्रस्तुत करें।

यह भी पढ़ें: यूपी में आंधी-तूफान और बारिश का कहर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत कार्यों के लिए दिए तत्काल निर्देश

महत्वपूर्ण निरीक्षण बिंदु

प्राथमिक क्षेत्रविवरण
लागत सीमा₹50 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं
निरीक्षण की तिथि24 व 25 मई 2025
रिपोर्ट तिथि26 मई 2025
प्रमुख बिंदुगोशालाएं, जल योजनाएं, स्वच्छता, निर्माण कार्य
रिपोर्टिंग अधिकारीमुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन

कौन-कौन से IAS अधिकारी कहां करेंगे निरीक्षण

  • इस अभियान के अंतर्गत 70+ जिलों में IAS अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जिनमें प्रमुख नाम और उनके निरीक्षण जिले निम्नलिखित हैं:
  • ऋतु महेश्वरी – लखनऊ
  • डॉ. रूपेश कुमार – प्रयागराज
  • भवानी सिंह – फतेहपुर
  • रविंद्र कुमार – प्रतापगढ़
  • राम केवल – कौशांबी
  • विजय किरन आनंद – वाराणसी
  • गौरव वर्मा – चंदौली
  • शिशिर – देवरिया
  • कुणाल तेलुगू – फर्रुखाबाद
  • बी. चंद्रकला – रायबरेली
  • सेल्वा कुमारी जे. – उन्नाव
  • हीरालाल यादव – गाजियाबाद
  • साहब सिंह – नोएडा
  • राजेश कुमार द्वितीय – बरेली
  • चंद्रभूषण – संभल
  • डॉ. उज्जवल कुमार – बिजनौर
  • और अन्य अधिकारियों को भी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में नियुक्त किया गया है।
  • इस व्यापक फील्ड निरीक्षण से यह स्पष्ट होता है कि सरकार अब फाइलों पर नहीं, ज़मीन पर काम देखना चाहती है।

सरकार की मंशा: पारदर्शिता और जवाबदेही

इस आदेश के पीछे सरकार की स्पष्ट मंशा है कि कागज़ी प्रगति की जगह वास्तविक विकास को प्राथमिकता दी जाए। कई बार यह देखने में आया है कि योजनाओं का बजट तो स्वीकृत हो जाता है लेकिन ग्राउंड पर काम अधूरा रहता है या गुणवत्ता में समझौता किया जाता है। फील्ड निरीक्षण से संबंधित अधिकारियों की सीधी जवाबदेही तय होगी। साथ ही रिपोर्ट के आधार पर जिन परियोजनाओं में विलंब, भ्रष्टाचार या लापरवाही पाई जाएगी, उन पर कार्रवाई की सिफारिश भी की जाएगी।

यह भी पढ़ें: मौसम ने बदली करवट: आंधी-तूफान और बारिश से मिली गर्मी से राहत, जानिए ताजा अपडेट

गोसेवा और जल योजनाओं पर विशेष ध्यान

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित गोसेवा स्थलों (गौशालाओं) और जल संरक्षण परियोजनाओं को इस बार खास तवज्जो दी जा रही है। इन योजनाओं को सामाजिक और पर्यावरणीय सरोकारों से जोड़कर देखा जा रहा है। IAS अधिकारी इन योजनाओं की भी साइट विज़िट करेंगे और ज़मीनी समस्याएं समझकर सरकार को रिपोर्ट देंगे।

यह भी पढ़ें: भीषण गर्मी में योगी सरकार सतर्क: हीट वेव से बचाव को स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन, दोपहर 12 से 4 बजे तक घर में रहने की सलाह

क्या है पृष्ठभूमि में

  • राज्य में चल रही कई बड़ी परियोजनाओं में विलंब की शिकायतें आई थीं।
  • कई जिलों से परियोजनाओं की गुणवत्ता में गड़बड़ी की रिपोर्ट सरकार तक पहुंची।
  • विपक्ष द्वारा अक्सर यह आरोप लगाया गया कि विकास केवल बयानबाज़ी में है, धरातल पर नहीं।
  • इसी को मद्देनज़र रखते हुए राज्य सरकार ने सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया।