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UP Heatwave Alert: भीषण गर्मी में योगी सरकार सतर्क: हीट वेव से बचाव को स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन, दोपहर 12 से 4 बजे तक घर में रहने की सलाह

UP Heat Wave : उत्तर प्रदेश में लू का प्रकोप तेज़ हो गया है। बढ़ते तापमान और हीटवेव के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। बुजुर्गों, बच्चों और बीमारों का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

May 22, 2025

Heatwave Tips

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UP Heat Wave Yogi Government Alert: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू (हीट वेव) का असर तेजी से बढ़ रहा है। तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य और राहत विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उनके निर्देश पर प्रदेशभर में हीट स्ट्रोक से बचाव को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने लू से बचने और प्रभावित लोगों की सहायता हेतु एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है, जिसमें आम जनता, बुजुर्गों, बच्चों, श्रमिकों और बीमार व्यक्तियों के लिए विशेष सावधानियों का उल्लेख किया गया है।

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हीट वेव की स्थिति गंभीर, दोपहर में बाहर न निकलें: स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक अत्यधिक गर्मी और धूप के चलते बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इस दौरान लोगों को घर के अंदर रहने, तरल पदार्थों का अधिक सेवन करने और शरीर को ढकने की सलाह दी गई है।

महत्वपूर्ण सुझाव

  • शरीर को पूरी तरह ढकें
  • हल्के रंग और ढीले कपड़े पहनें
  • सिर को टोपी या गमछे से ढकें
  • छाता और धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें
  • नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ आदि पीते रहें

बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए विशेष सावधानियां

प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि हीट वेव से सबसे अधिक खतरा बुजुर्गों, छोटे बच्चों और बीमार व्यक्तियों को होता है। इनकी देखभाल में कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। लक्षण दिखते ही तुरंत छायादार स्थान पर ले जाकर ठंडा पानी दें और आवश्यक हो तो मेडिकल सहायता लें।

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निर्माण स्थलों और श्रमिकों के लिए विशेष इंतजाम

  • खुली जगहों या निर्माण स्थलों पर कार्यरत श्रमिकों को गर्मी में लू लगने का ज्यादा खतरा रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने विशेष गाइडलाइन जारी की है:
  • छायादार विश्राम स्थल की अनिवार्यता
  • ठंडा पेयजल उपलब्ध कराना
  • ‘मित्र प्रणाली’ लागू – श्रमिक एक-दूसरे की सेहत पर नजर रखेंगे
  • काम के बीच नियमित अंतराल पर विश्राम देना अनिवार्य
  • यह उपाय न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे बल्कि उत्पादनशीलता में भी मदद करेंगे।

बच्चों और जानवरों को बंद वाहनों में न छोड़ें: चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि बच्चों और जानवरों को किसी भी स्थिति में बंद वाहनों में अकेला न छोड़ा जाए, क्योंकि गर्मी के कारण वाहन का अंदरूनी तापमान तेजी से बढ़ जाता है, जिससे दम घुटने और हीट स्ट्रोक का खतरा होता है।

हीट वेव के लक्षण और आपातकालीन प्रतिक्रिया

  • हीट स्ट्रोक को समय रहते पहचाना जाए तो जान बचाई जा सकती है।
  • शरीर का तापमान 40°C या उससे अधिक
  • त्वचा का लाल और सूखा होना
  • चक्कर आना, सिरदर्द, उल्टी
  • थकान, पसीना न आना
  • सांस लेने में परेशानी या बेहोशी
  • ऐसी स्थिति में क्या करें?
  • व्यक्ति को तुरंत छांव में लाएं
  • शरीर को गीले कपड़े से पोंछें
  • ठंडा पानी दें
  • हालत गंभीर हो तो तुरंत 108 एम्बुलेंस या डॉक्टर से संपर्क करें

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स्वास्थ्य विभाग का अपील पत्र: क्या करें और क्या न करें

क्या करेंक्या न करें
हल्के रंग के सूती कपड़े पहनेंदोपहर में धूप में न निकलें
अधिक मात्रा में पानी पिएंधूप में काले कपड़े न पहनें
छाते, टोपी, चश्मे का इस्तेमाल करेंखुले शरीर में काम न करें
बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखेंपार्क या मैदान में खेलने से बचें
लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज कराएंलक्षण को नज़रअंदाज़ न करें

अस्पतालों में अलर्ट मोड

  • मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों को अलर्ट पर रखा गया है।
  • ओपीडी में हीट वेव के लिए विशेष डेस्क बनाए गए हैं
  • रेफरल और एम्बुलेंस सेवाएं सक्रिय रखी गई हैं
  • आवश्यक दवाइयों और ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है
  • आपातकालीन सेवाएं और हेल्पलाइन नंबर
  • 108 एम्बुलेंस सेवा – आपात स्थिति में तुरंत कॉल करें
  • 112 पुलिस सेवा – सुरक्षा सहायता
  • 102 जननी एक्सप्रेस – मातृ एवं शिशु चिकित्सा
  • राज्य स्वास्थ्य विभाग हेल्पलाइन – 1800-180-5145