UP Panchayat Election: उत्तर प्रदेश के 36 जिलों की 504 ग्राम पंचायतें नगरीय निकायों में शामिल होकर समाप्त हो गईं। इससे राज्य की कुल पंचायतें 58,195 से घटकर 57,695 रह गई हैं। 2026 के पंचायत चुनाव से पहले पुनर्गठन प्रक्रिया तेज कर दी गई है। आदेश 5 जून तक रिपोर्ट सौंपने के।
UP Gram Panchayat Election Update: उत्तर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। प्रदेश के 36 जिलों की कुल 504 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व अब समाप्त हो चुका है। ये पंचायतें नगरीय निकायों के गठन और नगर सीमा विस्तार के कारण नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों और नगर निगमों में समाहित कर दी गई हैं। इसके चलते प्रदेश की ग्राम पंचायतों की कुल संख्या 58,195 से घटकर अब 57,695 रह गई है। पंचायतों के इस वृहद पुनर्गठन की प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार ने गंभीरता से कदम उठाना शुरू कर दिया है और वर्ष 2026 में संभावित पंचायत चुनावों से पहले यह कार्यवाही तेज हो गई है।
इस परिवर्तन के मूल में नये नगरीय निकायों का गठन और सीमा विस्तार है। जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ा, कई ग्राम पंचायतों की सीमाएं नगर क्षेत्रों में समाहित हो गईं। इसके तहत पूरी तरह से नगरीय क्षेत्रों में शामिल हो जाने वाली ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया, जबकि कुछ ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से नगर क्षेत्रों में समाहित हुई हैं, जिससे उनका आकार और स्वरूप दोनों प्रभावित हुए हैं।
राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के अंतर्गत ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य (ब्लॉक स्तर) और जिला पंचायत सदस्य (जनपद स्तर) का चुनाव होता है। वर्तमान ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 27 मई 2026 को समाप्त हो रहा है, जिससे चुनाव मार्च-अप्रैल 2026 में कराए जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना नहीं हो सकी, इस कारण आगामी पंचायत चुनाव भी वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही कराए जाएंगे। यह वही आधार है, जिस पर 2015 व 2021 के पंचायत चुनाव कराए गए थे।
पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने 23 मई 2025 को सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि 05 जून 2025 तक ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का कार्य पूरा कर रिपोर्ट निदेशालय को सौंपें। यह कार्य आगामी चुनावों की पारदर्शिता और प्रशासनिक सुगमता को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
नगरीय निकायों में समाहित होने वाली पंचायतों की संख्या कुछ जिलों में अधिक रही। देवरिया जिले में सर्वाधिक 64 ग्राम पंचायतें नगरीय क्षेत्र में शामिल की गईं। इसके बाद आजमगढ़ में 47, प्रतापगढ़ में 45, अमरोहा में 21, गोरखपुर में 21, गाजियाबाद में 19, फतेहपुर में 18, अलीगढ़ में 16, और फर्रुखाबाद में 14 ग्राम पंचायतें शामिल हैं।
इसके अलावा 105 ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से नगरीय निकायों में शामिल हुई हैं, जहां कुछ राजस्व ग्राम नगर क्षेत्रों में चले गए जबकि शेष ग्राम पंचायत क्षेत्र में ही बने हुए हैं। यह स्थिति पुनर्गठन की जटिलता को दर्शाती है।
ग्राम पंचायतों के समावेशन के बीच, दो जिलों, बहराइच और बस्ती में दो-दो नई ग्राम पंचायतों का गठन भी किया गया है। इसका उद्देश्य उन क्षेत्रों में प्रशासनिक सुचारुता बनाए रखना है, जो हाल ही में नगरीय क्षेत्रों से पृथक हुए हैं या नये विकास खण्डों की आवश्यकता महसूस की गई है।