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Indira Gandhi Pratishthan होगा हाईटेक: 15 करोड़ की लागत से बदलेगी तस्वीर, एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं, 6 महीने में पूरा होगा कायाकल्प

Indira Gandhi Pratishthan High Tech Auditorium: लखनऊ का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान अब आधुनिक रूप लेने जा रहा है। 15 करोड़ रुपये की लागत से तीन चरणों में ऑडिटोरियमों का हाइटेक अपग्रेडेशन किया जाएगा। एयरपोर्ट जैसी पब्लिक एड्रेस सिस्टम, नई लाइटिंग और इंटीरियर के साथ यह प्रतिष्ठान छह महीने में पूरी तरह बदल जाएगा।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

May 24, 2025

फोटो सोर्स : Google : लखनऊ का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान बनेगा तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक

फोटो सोर्स : Google : लखनऊ का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान बनेगा तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक

Indira Gandhi Pratishthan UP Govt Projects: लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, जो अब तक शहर में बड़े सरकारी व गैर-सरकारी आयोजनों का केंद्र रहा है, अब जल्द ही पूरी तरह से हाइटेक अवतार में नजर आने वाला है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की पहल पर इस प्रतिष्ठान के कायाकल्प के लिए 15 करोड़ रुपये की लागत से एक विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है, जिसे तीन चरणों में छह महीने के भीतर पूरा किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य प्रतिष्ठान के मुख्य ऑडिटोरियमों, ज्यूपिटर, मार्स और मर्करी को अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस करना है, जिससे शहर को एक विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर मिल सके।

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2008 में बना, 2010 से उपयोग में आया प्रतिष्ठान

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान वर्ष 2008 में तैयार हुआ था और 2010 से इसका उपयोग सामुदायिक आयोजनों के लिए शुरू हुआ। यह प्रतिष्ठान राजधानी लखनऊ में सबसे अधिक उपयोग में लाया जाने वाला कन्वेंशन सेंटर है, जहां एक ही समय में कई बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां साहित्यिक सम्मेलन, सेमिनार, सरकारी मीटिंग्स, क्लासिकल संगीत समारोह, प्रदर्शनियां और विवाह जैसे निजी आयोजन भी आयोजित होते रहते हैं।

एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि अब तक इस प्रतिष्ठान में केवल रंगाई-पुताई, लाइटिंग और बागवानी जैसे सौंदर्यीकरण से संबंधित कार्य हुए हैं, जबकि मूल ढांचे ऑडिटोरियम, हॉल्स, आर्ट गैलरी, एग्जिबिशन पवेलियन आदि में अब तक कोई तकनीकी अपग्रेडेशन नहीं किया गया था।

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एयरपोर्ट जैसी सुविधा वाला पब्लिक एड्रेस सिस्टम

नई कार्य योजना के तहत, इन ऑडिटोरियमों में एयरपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल्स की तर्ज पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए जाएंगे। इसका उद्देश्य यह है कि किसी कार्यक्रम के दौरान ऑडिटोरियम के बाहर गैलरी या पवेलियन में मौजूद लोगों को भी एक साथ संबोधित किया जा सके। इसके अलावा, ज्यूपिटर, मार्स और मर्करी ऑडिटोरियमों के इंटीरियर, इलेक्ट्रिकल सेटअप, स्टेज लाइटिंग, कर्टेन सिस्टम आदि को पूरी तरह से आधुनिक रूप दिया जाएगा।

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तीन चरणों में होगा कार्य, बुकिंग प्रभावित नहीं होगी

  • एलडीए उपाध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि इन ऑडिटोरियमों में कार्यक्रमों की लगातार बुकिंग रहती है, इसलिए काम को तीन चरणों में किया जाएगा ताकि उपयोगकर्ता असुविधा से बच सकें।
  • प्रथम चरण – सबसे बड़े ज्यूपिटर ऑडिटोरियम का अपग्रेडेशन किया जाएगा, जिसकी क्षमता लगभग 1500 लोगों की है।
  • द्वितीय चरण – इसके बाद मार्स ऑडिटोरियम का कायाकल्प होगा, जिसकी क्षमता 600 लोगों की है।
  • तृतीय चरण – अंत में मर्करी ऑडिटोरियम, जिसमें लगभग 400 लोग बैठ सकते हैं, को हाइटेक बनाया जाएगा।
  • उपाध्यक्ष के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया को 6 माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पहले से मौजूद सुविधाएं

  • इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में केवल तीन ही नहीं, बल्कि चार प्रमुख ऑडिटोरियम हैं, प्लूटो, मर्करी, मार्स और ज्यूपिटर। इनके अलावा:
  • अर्थ ब्लॉक में छोटे हॉल्स, राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस हॉल्स, ऑफिस स्पेस, वीआईपी और वीवीआईपी लाउंज की व्यवस्था है।
  • लगभग 1500 से 300 लोगों की क्षमता वाले चार मैरिज लॉन/बैंक्वेट हॉल उपलब्ध हैं।
  • राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों के लिए लाइब्रेरी पवेलियन की सुविधा भी दी गई है।
  • पूरे परिसर में वाहनों के लिए समुचित पार्किंग व्यवस्था है, जिससे आने-जाने में कोई असुविधा नहीं होती।

शहर को मिलेगा नया सांस्कृतिक और आयोजन केंद्र

इस हाइटेक अपग्रेडेशन के बाद इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान न केवल लखनऊ, बल्कि उत्तर भारत के सबसे आधुनिक कन्वेंशन सेंटरों में शुमार होगा। यह आयोजनकर्ताओं, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक समूहों और सरकारी विभागों के लिए एक मल्टी-फंक्शनल, हाई-टेक वेन्यू बन जाएगा, जहां बड़े से बड़े कार्यक्रम तकनीकी और सुविधाजनक ढंग से आयोजित किए जा सकेंगे।

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आधुनिकता और परंपरा का मेल

लखनऊ जो कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और नवाचार के संगम के लिए जाना जाता है, अब एक कदम और आगे बढ़ रहा है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान का यह कायाकल्प परियोजना शहर को आधुनिकता की ओर ले जाने का मजबूत संकेत है। इससे ना केवल राज्य के आयोजन ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह लखनऊ को एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजन केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा।