UP Assembly 2025 : उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र में ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने विपक्ष के सवालों का करारा जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली उत्पादन, आपूर्ति और अवसंरचना में ऐतिहासिक सुधार हुआ है। यूपी अब देश में सबसे ज्यादा विद्युत आपूर्ति करने वाला राज्य बन चुका है और सरकार हरित ऊर्जा के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।
UP Assembly Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र में ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने विधानसभा और विधान परिषद में सरकार की बिजली प्रबंधन नीति और विज़न-2047 का खाका पेश करते हुए विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया। मंत्री ने साफ कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली आपूर्ति, उत्पादन और अवसंरचना को लेकर भाजपा सरकार ने ऐतिहासिक सुधार किए हैं और प्रदेश को 24×7 गुणवत्तापूर्ण बिजली देने के लिए हर संभव प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि " प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पहली बार भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हुआ है और यूपी में भी बिजली प्रबंधन को लेकर क्रांतिकारी बदलाव किए जा रहे हैं।"
मंत्री ए.के. शर्मा ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 2017 से पहले गाँव और कस्बों में बिजली आती ही कहाँ थी कि उसके न आने की खबर बनती। पहले सूखा हो या बाढ़ -बिजली न होना आम बात थी। आंधी-तूफ़ान हो या सामान्य दिन -लोगों को बिजली की आदत ही नहीं थी। पाँच-पाँच दिन का रोस्टर चलता था और लोग मजबूर थे। उन्होंने कहा कि आज यूपी में लगातार तीन साल से रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति हो रही है, जिससे लोगों के जीवन में बिजली का महत्व बढ़ा है। अब अगर पाँच मिनट भी बिजली जाती है तो न्यूज़ बनती है, क्योंकि लोग 18 से 24 घंटे बिजली पाने के आदी हो गए हैं।
शर्मा ने विधानसभा में आंकड़ों के साथ विस्तार से बताया कि भाजपा सरकार आने के बाद से बिजली उत्पादन और आपूर्ति में जबरदस्त वृद्धि हुई है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि किसानों को सौर ऊर्जा उत्पादक बनाने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। पिछले आठ वर्षों में 5 लाख से अधिक नए नलकूप कनेक्शन दिए गए, जबकि विपक्षी दलों की सरकारों ने 70 साल में सिर्फ 10 लाख कनेक्शन दिए। बिजली बिलों में किसानों को राहत दी गई। ग्रामीण मजरों में जहां बिजली नहीं थी, वहाँ बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण किया गया। 2017 तक केवल 1.28 लाख मजरों में बिजली थी, अब यह संख्या 2.5 लाख से अधिक हो गई है।
ए.के. शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार न केवल थर्मल पावर उत्पादन बढ़ा रही है बल्कि हरित ऊर्जा पर भी जोर दे रही है। हर घर सौर ऊर्जा, हर घर आमदनी के लक्ष्य के तहत योजनाएं लागू हो रही हैं। गोबर, पराली और शहरी कचरे से बायोगैस और वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। RDSS, CBG और ग्रीन कॉरिडोर जैसे कार्यक्रमों में यूपी प्रथम स्थान पर है।
मंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि "जिन दलों ने बिजली का निजीकरण शुरू किया, वही आज निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।"उन्होंने कहा कि विपक्ष की भूमिका विक्रम-बेताल के बेताल जैसी है-जो हमेशा भ्रम फैलाने का काम करता है। "सूपवा त सुपवा, चलनियों बोले वाली कहावत याद आती है"मंत्री ने कहा कि विपक्ष के आरोप बेमानी हैं, क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल में न बिजली उत्पादन बढ़ाया, न ट्रांसमिशन नेटवर्क सुधारा। "कांग्रेस के लंबे शासनकाल में देश अंधकार में डूबा रहा। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में औसत पीक डिमांड 13,000 MW थी, जबकि अब यह बढ़कर 30,000 MW हो चुकी है। 2017 की तुलना में आज दोगुने से ज्यादा उपभोक्ताओं को बिजली मिल रही है।"
ऊर्जा मंत्री ने जनता को भरोसा दिलाया कि भाजपा सरकार बिजली उपभोक्ताओं को देवता मानती है और उनकी पीड़ा बर्दाश्त नहीं कर सकती।"हमारा लक्ष्य केवल सुधार नहीं, बल्कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विद्युत व्यवस्था बनाना है। हम स्वयं से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। जो आज है, कल उससे बेहतर देंगे।"
उन्होंने कहा कि राज्य के उपकेंद्रों की क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है। जिन क्षेत्रों में आवश्यकता है, वहाँ उपकेंद्र की क्षमता 5 MVA से 10 MVA की जा रही है। कस्बों के लिए अलग फीडर बनाए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों का असर शहरी आपूर्ति पर न पड़े। जहाँ VCBs (Vacuum Circuit Breaker) को बदलने की ज़रूरत होगी, वहाँ तुरंत बदलाव किया जाएगा।
अंत में ए.के. शर्मा ने कहा कि "1947 से 2017 तक विद्युत विभाग की हालत भयावह थी। अब उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग लगातार उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। उत्पादन बढ़ा है, वितरण मजबूत हुआ है और हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। भाजपा सरकार जनता के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में और तेज़ी से सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है