UP STF Busted ATM Fraud Gang in Lucknow: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने लखनऊ से एक अंतरराज्यीय एटीएम ठगी गैंग का भंडाफोड़ किया है। गिरोह के पांच सदस्य गिरफ्तार हुए हैं, जो भोले-भाले लोगों का एटीएम कार्ड बदलकर खाते से पैसे निकालते थे। इनके पास से 75 एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और नकदी बरामद हुई है।
UP STF ATM Card Fraud: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को लखनऊ में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। एक संगठित अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एसटीएफ ने एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाले पांच शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी भोले-भाले लोगों को एटीएम बूथ के अंदर या बाहर गुमराह कर उनका कार्ड बदल देते थे और खाते से पैसे निकाल लेते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 75 एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन, नकदी, और एक फॉक्सवैगन कार बरामद हुई है।
19 जुलाई की रात, एसटीएफ को पुख्ता सूचना मिली कि एटीएम ठगों का गिरोह लखनऊ के गोसाईगंज थाना क्षेत्र में सुल्तानपुर रोड पर सक्रिय है और एक गाड़ी से विभिन्न एटीएम बूथों पर ठगी के इरादे से घूम रहा है। इस सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम में निरीक्षक राघवेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक अतुल चतुर्वेदी, प्रदीप सिंह, कांस्टेबल नीरज पांडेय, सुशील सिंह, अमर श्रीवास्तव, और अन्य शामिल थे। टीम ने गोसाईगंज क्षेत्र में घेराबंदी कर संदिग्ध कार को रोका और उसमें सवार पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है। गिरोह का मुख्य काम होता है,बैंक एटीएम बूथ पर ग्राहकों को धोखे से कार्ड बदलना और खाते से रकम निकालना।
गिरोह का कार्यप्रणाली कुछ इस प्रकार थी
गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों के विरुद्ध थाना गोसाईगंज, जनपद लखनऊ में मु.अ.सं. 355/2025 के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 3(5), 61(2)(A), 112, 313, 317(2), 318(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है और आरोपियों से पूछताछ जारी है।
एसटीएफ के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में इस प्रकार की एटीएम धोखाधड़ी की कई घटनाएं सामने आई थीं। गिरोह तकनीकी तौर पर काफी सतर्क था और पुलिस को भ्रमित करने के लिए वाहन, सिम कार्ड और ठिकाने लगातार बदलता रहता था। एसटीएफ ने कई जिलों में सक्रिय इकाइयों को इस नेटवर्क पर नजर रखने और खुफिया जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद यह सफलता प्राप्त हुई।