UP Storm Alert: उत्तर प्रदेश में तेज आंधी, ओलावृष्टि और भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई जिलों में जान-माल का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल राहत कार्य शुरू करने, प्रभावितों को मुआवजा देने और फसल क्षति का सर्वेक्षण कर शासन को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
UP Weather Alert CM Yogi Orders: उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। बुधवार देर शाम से लेकर गुरुवार सुबह तक राज्य के कई जिलों में आंधी-तूफान, ओलावृष्टि और तेज बारिश ने भारी तबाही मचाई। कई जगहों पर बिजली गिरने, पेड़ गिरने और दुर्घटनाओं की वजह से कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें किसान, डॉक्टर, महिलाएं और पुलिसकर्मी शामिल हैं। दर्जनों लोग घायल हुए हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं। इस भीषण आपदा को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल संबंधित जिलों के अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेज़ी से संचालित करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश: क्षेत्रीय अधिकारियों को राहत कार्यों में तत्परता बरतने के आदेश
इस मौसम की मार से सबसे अधिक कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है। मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, और मुरादाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं, आम, सब्जियों और गन्ने की फसलें बर्बाद हो गई हैं। किसानों का कहना है कि बुवाई के अंतिम चरण में ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया। मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत देने के लिए राजस्व विभाग को त्वरित सर्वे और मुआवजा वितरण के निर्देश दिए हैं। यदि आवश्यक हो, तो राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) से राशि दी जाएगी।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (SDMA) ने बताया है कि प्रभावित जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम को रवाना कर दिया गया है। NDRF और SDRF की सहायता से बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं। नुकसान का विस्तृत डेटा इकट्ठा किया जा रहा है जिसे केंद्र सरकार को भी भेजा जाएगा, ताकि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से मदद मिल सके।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटों में उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। किसानों और नागरिकों को सलाह दी गई है कि बिजली के दौरान खुले में ना रहें, मोबाइल चार्जिंग से दूर रहें और पक्के मकानों में शरण लें।
प्रदेश सरकार ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा हो सकती है। मृतकों के परिजनों को ₹4 लाख तक की सहायता। पशु हानि के लिए ₹30,000 से ₹1 लाख तक की राहत। फसल नुकसान के लिए प्रति हेक्टेयर ₹13,500 तक की मदद दी जा सकती है।