Lucknow weather IMD Alert: उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम ने करवट ली है। तेज आंधी और बारिश ने सीतापुर में दो लोगों की जान ले ली, जबकि कई घायल हुए। कई जिलों में जनजीवन प्रभावित है और खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
UP Western Weather Alert: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव के चलते बीते 24 घंटे में प्रदेश के कई जिलों में तेज आंधी और बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मौसम के इस अचानक बदले मिजाज ने जहां जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं किसानों के लिए यह आफत बनकर टूटा है। सीतापुर जिले के सिधौली और मिश्रिख क्षेत्रों में आंधी-तूफान की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि सात अन्य घायल बताए जा रहे हैं।
राज्य के पश्चिमी और मध्य भागों में तड़के अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई, जिससे सड़कों पर पेड़ गिरने और बिजली गुल होने जैसी घटनाएं सामने आईं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है।
सीतापुर जिले के सिधौली तहसील क्षेत्र में तेज आंधी के दौरान एक वृद्ध की मौत हो गई, वहीं सात लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि अधिकतर लोग पेड़ों के नीचे या खुले में थे, जब तेज हवाओं ने उन्हें चपेट में ले लिया। दूसरी घटना मिश्रिख क्षेत्र से सामने आई, जहां एक युवक की जान चली गई। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार प्रदेश में अगले 24 घंटे मौसम का मिजाज कुछ इसी तरह बना रहेगा। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और तराई क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ बारिश और गरज-चमक की संभावना बनी हुई है। तराई के जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
लखनऊ, कानपुर, आगरा, झांसी, मेरठ, बरेली और प्रयागराज जैसे जिलों में बादल छाए रह सकते हैं और कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, पूर्वांचल के जिले जैसे गोरखपुर, बलिया, बनारस और आजमगढ़ में आंधी-पानी के साथ तेज हवाओं का अनुमान जताया गया है।
किसानों के लिए यह मौसम बदलाव किसी मुसीबत से कम नहीं है। गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसलें कटाई के कगार पर थीं, जिन पर तेज हवाओं और बारिश ने पानी फेर दिया। खेतों में खड़ी फसलें गिर गई हैं, जिससे उत्पादन पर गहरा असर पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मौसम जल्द नहीं सुधरा, तो किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह पूरा सिस्टम पश्चिमी विक्षोभ के कारण सक्रिय हुआ है, जिसका मूल प्रभाव उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों पर है। लेकिन इसका परोक्ष असर मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। साथ ही तापमान में भी हल्की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों को लू से राहत जरूर मिली है।