UP Assembly,Winter Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। दोनों सदनों में अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। इसके साथ ही शिक्षा, नगर निकाय, विश्वविद्यालय, पेंशन, व्यापार और कृषि से जुड़े कई अहम विधेयकों के पारित होने की संभावना है, जिससे सदन के हंगामेदार रहने के आसार हैं।
UP Winter Session 3 Day : उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है और सियासी तापमान पहले से ही गर्म बना हुआ है। सोमवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा प्रस्तुत किए गए अनुपूरक बजट पर आज विधानसभा और विधान परिषद, दोनों सदनों में विस्तृत चर्चा होगी। सदन के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना जताई जा रही है, क्योंकि विपक्ष जहां सरकार से जवाब मांगने के मूड में है, वहीं सत्ता पक्ष विकास और जनकल्याण से जुड़े एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा। सत्र के दौरान आज कई महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने की भी संभावना है, जो शिक्षा, शहरी विकास, ग्रामीण प्रशासन, व्यापार, विश्वविद्यालय व्यवस्था और कर्मचारियों के हितों से सीधे जुड़े हुए हैं।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को वर्ष 2024-25 के लिए अनुपूरक बजट सदन में पेश किया था। इस बजट का उद्देश्य विभिन्न विभागों की अतिरिक्त वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना है। आज इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की उम्मीद है।
शीतकालीन सत्र के पहले दो दिनों में ही विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की थी। ऐसे में आज भी सदन के हंगामेदार रहने की संभावना जताई जा रही है। विपक्ष की ओर से कानून-व्यवस्था,महंगाई,सरकारी भर्तियों,शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था जैसे विषयों पर सरकार से जवाब मांगा जा सकता है।
आज के एजेंडे में कई ऐसे विधेयक शामिल हैं, जिनका प्रभाव सीधे आम जनता और संस्थानों पर पड़ेगा। इनमें प्रमुख रूप से निम्न विधेयक शामिल हैं:
1. उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक, 2025
यह विधेयक ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी से संबंधित अभिलेखों को व्यवस्थित और कानूनी रूप से मान्यता देने के उद्देश्य से लाया गया है। इससे भूमि विवादों और रिकॉर्ड संबंधी समस्याओं के समाधान में मदद मिलने की उम्मीद है।
2. उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) विधेयक, 2025
इस विधेयक के जरिए शिक्षा सेवा चयन आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार और नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है।
3. उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय, चतुर्थ और पंचम संशोधन) विधेयक, 2025
इन संशोधन विधेयकों का उद्देश्य राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की नियमन व्यवस्था को मजबूत करना, गुणवत्ता सुधारना और उच्च शिक्षा में पारदर्शिता बढ़ाना है।
4. उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी तथा विधिमान्यकरण विधेयक, 2025
यह विधेयक राज्य कर्मचारियों और पेंशनधारकों से जुड़ा हुआ है। इसके जरिए पेंशन से जुड़े अधिकारों को स्पष्ट और विधिसम्मत बनाने का प्रावधान किया गया है।
5. उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2025
शहरी निकायों के कामकाज को अधिक प्रभावी बनाने के लिए यह संशोधन विधेयक लाया गया है। इससे नगर निगमों की प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों में बदलाव हो सकता है।
6. उत्तर प्रदेश गन्ना उपकर (निरसन) विधेयक, 2025
यह विधेयक गन्ना किसानों और चीनी उद्योग से जुड़ा हुआ है। इसके तहत गन्ना उपकर को समाप्त करने का प्रस्ताव है, जिससे उद्योग और किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है।
7. किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025
केजीएमयू से जुड़े इस विधेयक का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा, प्रशासन और प्रबंधन व्यवस्था में सुधार करना है।
8. उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2025
यह विधेयक राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है, जिससे व्यापारियों और निवेशकों को प्रक्रियागत सहूलियत मिल सके।
9. उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान (संशोधन) विधेयक, 2025
इस विधेयक के माध्यम से दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से जुड़े नियमों में बदलाव किया जाएगा, जिससे श्रमिकों और व्यापारियों-दोनों के हितों को संतुलित किया जा सके।
10. उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025
11. उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025
इन विधेयकों का उद्देश्य राज्य विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय व्यवस्था में सुधार करना है।
सरकार का कहना है कि ये सभी विधेयक शासन व्यवस्था को मजबूत करेंगे, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार लाएंगे ,व्यापार और निवेश को बढ़ावा देंगे। किसानों, कर्मचारियों और आम जनता के हितों की रक्षा करेंगे। सत्ता पक्ष का दावा है कि शीतकालीन सत्र के जरिए सरकार नीतिगत सुधारों को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है।
विपक्ष इन विधेयकों और बजट पर गहन चर्चा की मांग कर रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि कुछ विधेयकों को जल्दबाजी में लाया गया है। आम जनता के मुद्दों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा। बजट में सामाजिक वर्गों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया गया
आज का दिन शीतकालीन सत्र के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अनुपूरक बजट पर चर्चा के साथ-साथ विधेयकों के पारित होने से सरकार की प्राथमिकताएं साफ होंगी। वहीं विपक्ष की रणनीति भी खुलकर सामने आएगी।