लखनऊ

Year Ender 2024: जाते-जाते रुला गया ये साल, इन हादसों से सिहर गया पूरा उत्तर प्रदेश

Year Ender 2024: उत्तर प्रदेश के लिए साल 2024 कुछ मायनों में बेहतर तो कुछ मामलों में काफी दुखद रहा। प्रदेश ने साल के शुरुआत में यूपी इन्वेस्टर्स समिट और यूपी इंफ्रा से विकास की रफ्तार पकड़ी तो वहीं बीतते महीनों ने उत्तर प्रदेश को कुछ हादसों से अंदर तक झकझोर दिया। आइए आपको पूरे साल में हुई इन दिल दहला देने वाली घटनाओं से रू-ब-रू करवाते हैं। आपको बताते हैं कि कैसे प्रदेश को जाते-जाते रुला गया ये साल।

4 min read
Dec 30, 2024

Year Ender 2024: वैसे तो उत्तर प्रदेश में कई घटनाओं ने प्रदेशवासियों का दिल दुखाया लेकिन कुछ घटनाओं को भुलाए भी नहीं भूला जा सकता। आज हम ऐसी ही पांच बड़ी घटनाओं को एक बार फिर याद करेंगे। हम याद करेंगे उन घटनाओं को जो इस साल प्रदेश के लोंगों को रूला गईं। 

बहराइच के सामाजिक तनाव से अभी उत्तर प्रदेश उभर ही रहा था कि झांसी में 12 मासूम नवजात काल के गाल में समा गए। गोंडा का ट्रेन हादसा हो या उन्नाव का बस हादसा। प्रदेशवासियों ने इस साल अपने कई स्वजनों को खोया। 

हाथरस भगदड़ कांड: 2 जुलाई 2024

हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। कथित तौर पर पुलिस या खुफिया विभाग की नौकरी छोड़कर संत बने नारायण हरि साकार उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 120 से ज्यादा लोग मारे गए। इस हादसे में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे। हजारों लोग बाबा के चरणों की मिट्टी लेने के लिए सत्संग स्थल पर उमड़े थे। जरूरत से अधिक भीड़, गर्मी और उमस के कारण लोग बेहोश होकर गिरने लगे जिससे भगदड़ मच गई।  

उन्नाव बस हादसा: 10 जुलाई 2024 

10 जुलाई को बिहार के शिवहर जिले से दिल्ली जा रही एक स्लीपर बस उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गई थी। बस ने सामने चल रहे दूध टैंकर में जोरदार टक्कर मारी जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और 19 गंभीर रूप से घायल हो गए। जांच में सामने आया कि बस बिना फिटनेस और परमिट के चल रही थी। इस हादसे ने बस संचालन में बड़े स्तर पर चल रही धांधली को भी उजागर किया। आपको बता दें कि ये बस महोबा के एक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत थी जिसके नाम पर 38 और बसें भी रजिस्टर्ड हैं।  

डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसा (गोंडा): 18 जुलाई 2024

18 जुलाई को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही ट्रेन नंबर 15904 चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के तकरीबन 12 डिब्बे गोंडा के पास पटरी से उतर गए। हादसे में कई लोगों की जान चली गई और कई घायल भी हुए। बताया गया कि ट्रेन की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे से अधिक थी और तभी अचानक ब्रेक लगने से डिब्बे पटरी से उतर गए। मृतकों के परिवारों को दस-दस लाख रुपये और घायलों को ढाई लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई।  

झांसी अग्निकांड: 15 नवंबर, 2024

झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में 12 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। घटना NICU वार्ड में शॉर्ट सर्किट से हुई जहां आग तेजी से फैल गई। घटना के बाद पता चला कि आग बुझाने के लिए लगा अग्निशमन यन्त्र एक्सपायर हो गया था। हादसे के समय वार्ड में 6 नर्स और 2 डॉक्टर मौजूद थे। फायर ब्रिगेड ने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस घटना ने मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा उपायों की गंभीर कमी को भी उजागर किया।  

बहराइच हत्याकांड: 13 अक्टूबर, 2024

बहराइच जिले में मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे बजाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। ये विवाद हिंसक झड़प में बदल गया। महाराजगंज कस्बे में हुई इस घटना में छतों से पथराव और फायरिंग की गई। विवाद बढ़ने के बाद सूबे के रामगोपाल मिश्रा की अन्य सम्प्रदायों के लोगों ने हत्या कर दी। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने एक बाइक शो रूम और अस्पताल में आग लगा दी। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस घटना के बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और कई पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया।  

हाथरस की भगदड़, उन्नाव का बस हादसा, गोंडा का ट्रेन दुर्घटना, झांसी का अग्निकांड और बहराइच की सांप्रदायिक हिंसा जैसे हर एक हादसे में अव्यवस्था, लापरवाही और मानवीय त्रुटियां प्रमुख कारण रही हैं। इन जैसी दर्जनों छोटी बड़ी घटनाओं ने ना केवल सैकड़ों जिंदगियां निगलीं बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर गईं।

Updated on:
31 Dec 2024 02:06 pm
Published on:
30 Dec 2024 10:30 pm
Also Read
View All

अगली खबर