पुलिस से नहीं मिला इंसाफ तो लखनऊ का युवक खुद जासूस बन गया। 27 दिन के लंबे इंतजार के बाद वह खुदफ्रॉड करने वालों की तलाश में निकल गया। जानिए फिर क्या हुआ?
बिजली संविदा कर्मी ने भाई का एटीएम कार्ड बदल कर 25 हजार रुपये निकालने वाले एक ठग को शनिवार रात रंगेहाथ पकड़ लिया। आरोपित को एटीएम बूथ में बंद करने के बाद संविदा कर्मी ने पुलिस को फोन मिलाया। इसके बाद पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लेते हुए उसके दूसरे साथी को भी दबोच लिया। संविदा कर्मी के भाई ने गाजीपुर कोतवाली में वारदात के बाद तहरीर दी थी। 27 दिन गुजरने के बाद भी मुकदमा नहीं लिखा गया। नतीजतन वह खुद ही ठगों की तलाश कर रहा था। गाजीपुर पुलिस ने ठगों के पास से 48 एटीएम कार्ड, कार और 11 हजार रुपये बरामद किए हैं।
इन्दिरानगर सी-ब्लॉक निवासी जितेंद्र श्रीवास्तव बिजली विभाग में संविदा कर्मी हैं। दो मार्च को जितेंद्र का छोटा भाई रितेंद्र पीएनबी एटीएम बूथ गया था। रुपये निकालने के दौरान दो युवक बूथ में घुसे। मदद का झांसा देकर आरोपितों ने रितेंद्र का एटीएम कार्ड बदल दिया। जिसके बाद खाते से 25 हजार रुपये निकाले और तीन हजार रुपये की ऑनलाइन शॉपिंग की। जितेंद्र के मुताबिक गाजीपुर कोतवाली में तहरीर दिए जाने का बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।
परेशान होकर भाई और वह खुद ठगों को खोजने लगे। इस बीच शनिवार को भाई के बताए गए हुलिए के आधार पर जितेंद्र को एटीएम बूथ में एक युवक नकदी निकालते दिखा। जितेंद्र ने शटर गिरा दिया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी से कॉल कर उसके साथी को भी पकड़ लिया।
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी गाजियाबाद के लोनी बलराम नगर निवासी अमित और सद्दाम है। इनका भागा हुआ साथी अमित दिल्ली में रहता है। अमित ने बताया कि दो माह पहले लखनऊ आए थे।