उत्तर प्रदेश में अब बिजली महंगी होने का रास्ता साफ हो गया है। विद्युत नियामक आयोग ने पांच वर्षों तक बिजली की दरों को तय करने संबंधी मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन-2025 को मंजूरी दे दी है। ये नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे।
इसमें दिन और रात के अलग-अलग टैरिफ और टैरिफ रेगुलेशन में किए गए निजीकरण संबंधी प्रस्ताव को हटा दिया गया है। यही नहीं विद्युत निगम अब मनमाने तरीके से बिजली नहीं खरीद सकेंगे।
मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन-2025 के तहत अगले वित्तीय वर्ष के लिए आयोग बिजली की दरों को तय करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। माना जा रहा है कि पावर कारपोरेशन की बिजली कंपनियों की ओर से 4 महीने पहले दाखिल किए गए एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) संबंधी प्रस्ताव को जल्द ही स्वीकार कर आयोग जनसुनवाई करेगा।
नियमानुसार प्रस्ताव स्वीकारने के अधिकतम 120 दिनों में आयोग को नई बिजली की दरें घोषित करनी होती है। ऐसे में बिजली की मौजूदा दरों में 20 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। बिजली कंपनियों के एआरआर को ध्यान में रखते हुए बिजली की दरों का निर्धारण नियामक आयोग रेगुलेशन के तहत ही करता है। फिलहाल रात-दिन के लिए बिजली की दरें एक समान ही रहेंगी।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि नए विनियमन में कई ऐसे प्रावधान हैं जिससे उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोतरी के रास्ते खुल सकते हैं। कुछ मामलों में बिजली कंपनियों का बड़ा फायदा होगा जिसका खामियाजा जनता को बिजली दरों में बढ़ोतरी के रूप में भुगतना पड़ सकता है।