Smart Meter: घरों में तेजी से स्मार्ट मीटर लगाने का काम जारी है। वहीं अब इसे लेकर महासमुंद जिले में नई व्यवस्था की है। लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी या फिर राहत देंगी, जानिए...
CG Smart Meter: प्रीपेड बिजली व्यवस्था शुरू करने के लिए उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। ( CG Smart Meter Update ) दो महीने में 8 हजार घरों में मीटर लग चुके हैं। जिनका बिजली का बिल बकाया है, उन्हें समय दिया जाएगा। भुगतान के बाद उन्हें स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बिजली मिलेगी।
Smart Meter: जिले में 2 लाख 25 हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। अभी तक पहले चरण में शहरी क्षेत्रों में मीटर लगाए जा रहे हैं। बाद गांवों में लगाए जाएंगे। ( CG Smart Meter ) जिला मुख्यालय में सर्वाधिक मीटर लगाए गए हैं। जुलाई में इसकी शुरुआत हुई थी। बारिश के कारण स्मार्ट मीटर लगाने का काम धीमी गति से चल रहा है।
मानसून सीजन खत्म होने के बाद युद्ध स्तर पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। अभी जिन घरों में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, उनके यहां रीडिंग के आधार पर ही बिजली आ रहा है। जब स्मार्ट मीटर ( Smart Meter ) शत-प्रतिशत लग जाएंगे, के बाद ही प्रीपेड बिजली व्यवस्था लागू होगी। फिलहाल, प्रीपेड बिजली कब से लागू होगी, यह विभाग नहीं बता पा रहा है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में अभी कोई गाइडलाइन नहीं आई है। जानकारी के मुताबिक नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ताओं को जितना यूनिट बिजली चाहिए, उतने का ही पहले रिचार्ज करना पड़ेगा। बैलेंस खत्म होते ही बिजली बंद हो जाएगी। स्मार्ट मीटर में एनआईसी कार्ड भी है। इससे रोजाना की खपत और लोड के साथ ही मीटर में बैलेंस आदि की जानकारी मिल जाएगी।
वर्तमान में पोस्ट पेड व्यवस्था होने से लोगों को राहत है। बिजली खपत के आधार पर बिजली बिल आ रहा है। इधर, स्मार्ट मीटर लगाने के साथ ही बकाया राशि वसूलने पर बिजली विभाग का फोकस है। क्योंकि, करोड़ों रुपए बिजली का बिल बकाया है। स्मार्ट मीटर व्यवस्था शुरू होने के पहले बकायदारों को करीब छह महीने का समय दिया जा रहा है।
किश्तों में बकाया राशि जमा करने की अपील की जा रही है। सीएसपीडीसीएल के अधीक्षण अभियंता शंकेश्वर कंवर ने बताया कि स्मार्ट मीटर का कार्य लगातार जारी है। जिले में लगभग 8 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं। विभिन्न चरणों में कार्य किया जा रहा है। बारिश के बाद ही स्मार्ट मीटर लगाने के कार्य में तेजी आएगी।
तीन स्तर पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। पहला पुराने मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर, दूसरा मीटर उसके पास के ट्रांसफार्मर में और तीसरा मीटर उस क्षेत्र के फीडर में लगाए जा रहे हैं। इस तरह तीन स्तर पर बिजली की खपत की जानकारी हो सकेगी। उस क्षेेत्र के वास्तविक लोड और डिमांड का सही आंकलन किया जा सके।
मोर बिजली ऐप पर भी बिजली संबंधित सारी जानकारी देखी जा सकेगी। ऐप में स्मार्ट मीटर से जुड़ी सारी जानकारी आसानी से मिल जाएगी। बिजली बंद की सूचना भी दी जाएगी। ऐप के माध्यम से ही पता चल जाएगा कि खपत कितनी हुई है और कितना भुगतान करना है।
उपभोक्ता स्मार्ट मीटर लगाने से इंकार नहीं कर सकता है। हर उपभोक्ता को लगाना ही होगा। इसके लिए उपभोक्ता से कोई सहमति नहीं लेनी होगी। मीटर लगाए जाने के बाद उपभोक्ताओं से डिजिटल सिग्नेचर भी लिए जा रहे हैं। नया स्मार्ट मीटर लगाने कोई चार्ज भी नहीं लगेगा।