महराजगंज में एक शिक्षक को विषम परिस्थिति में डायट में चल रही ट्रेनिंग लेने आना पड़ा, दरअसल शिक्षक के पिता का देहांत हो गया था और अकेला पुत्र होने की वजह से उन्हें ही कर्मकांड करना पड़ रहा था। अधिकारियों ने छुट्टी न होने का हवाला देते हुए उन्हें ट्रेनिंग में शामिल होने को कहा।
महराजगंज के डायट (जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान) में चल रही डिजिटल लिटरेसी कोडिंग ट्रेनिंग में बुधवार की सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब एक शिक्षक सफेद धोती, बनियान, हाथ में तीर और लोटा लिए वहां पहुंचे। उनकी इस स्थिति में प्रशिक्षण में आने से वहां मौजूद लोग सकते में पड़ गए। प्रशिक्षकों ने उन्हें इस स्थिति में ट्रेनिंग लेने से रोक दिया और वापस घर भेज दिया।
जानकारी के मुताबिक फरेंदा ब्लाक के कंपोजिट विद्यालय निरनाम पश्चिमी में तैनात शिक्षक रामजी विश्वकर्मा के पिता का निधन होने के कारण उन्हें मुखाग्नि देना पड़ा इस कारण वह हाथ में तीर और लोटा लेकर प्रशिक्षण लेने पहुंचे। उनके मुताबिक खंड शिक्षा अधिकारी से अवकाश के लिए उन्होंने अनुरोध किया। उन्हें बताया गया कि वे क्रिटिकल लीव ले सकते हैं, जिसकी वार्षिक सीमा 14 दिन होती है।इस अवकाश का वह पहले ही उपयोग कर चुके थे।
खुद के स्वस्थ होने के कारण मेडिकल लीव के लिए भी योग्य नहीं थे। अब ट्रेनिंग में शामिल होने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था। ऐसे में उन्होंने ट्रेनिंग में उपस्थित होना अनिवार्य समझा और तीर और लोटा लेकर बुधवार को डायट पहुंच गए।अधिकारियों ने जब यह दृश्य देखा तो उन्हें प्रशिक्षण में शामिल होने से रोक दिया और वापस भेज दिया।डायट प्राचार्य सतेंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षक के आने की सूचना है। वह प्रशिक्षण में सम्मालित नहीं हुए हैं। मामले की जांच कराई जा रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऋद्धि पांडेय ने बताया कि मामले की जानकारी ली जा रही है। इस मामले में फरेंदा के खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है।