Jamun in market: 20 से ज्यादा जामुन किस्में न सिर्फ स्वाद बल्कि रोज़गार भी दे रही हैं। महिलाएं हर दिन 500 रु. कमा रही हैं। ये बैगनी मिठास अब प्रदेश से निकलकर देशभर की मंडियों तक पहुंच रही है। (MP News)
MP News: जामुन का स्वाद हर किसी की जुबां पर है, पर इस मिठास की असली जड़ें मंडला जिले में हैं। जामुन न सिर्फ स्वाद व औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि ग्रामीणों के लिए रोजगार का जरिया बन चुकी है। जिले के घने वन क्षेत्रों से खेतों की मेड़ तक 20 से ज्यादा किस्मों की जामुन है, जो प्रदेश के साथ अन्य राज्यों की मंडियों तक पहुंचाई जाती है। (Jamun in market)
गांवों और कस्बों में सड़क किनारे, हाटबाजारों में बैगनी जामुन की बहार दिखाई देती है। हर व्यक्ति रोज 500 रु. और महीने की लगभग 15000 रुपए की आमदनी हो रही हैं। यह काम ज्यादातर महिलाएं करती है। बाजार में जामुन 50 से 60 रुपए किलो है।
मंडला की जामुन की मांग न सिर्फ जबलपुर, सिवनी, बालाघाट में है, बल्कि नागपुर जैसे पड़ोसी शहरों की मंडियों में भी सप्लाई होती है। जामुन सेवन मधुमेह, खून की कमी. पाचन तंत्र और यहां तक कि कैंसर तक की रोकथाम में लाभकारी है। यही कारण है कि जामुन का पेड़, उसकी छाल और बीज तक की औषधीय मांग बनी रहती है। (Jamun in market)