Kisan- मध्यप्रदेश में किसानों के साथ गफलत लगातार जारी है। यहां आपदा में फसल खराब हुई तो सरकार ने किसानों को उनके नुकसान की प्रतिपूर्ति करते हुए आर्थिक सहायता के रूप में मुआवजा दे दिया।
Kisan- मध्यप्रदेश में किसानों के साथ गफलत लगातार जारी है। यहां आपदा में फसल खराब हुई तो सरकार ने किसानों को उनके नुकसान की प्रतिपूर्ति करते हुए आर्थिक सहायता के रूप में मुआवजा दे दिया। अब उनसे पैसे वापस मांगे जा रहे हैं। इतना ही नहीं, मुआवजा राशि नहीं देने पर किसानों को कुर्की की धमकी दी जा रही है। फसल मुआवजा राशि के नाम पर किसानों से ये धोखाबड़ी प्रदेश के मंदसौर में की जा रही है। यहां करीब 100 किसानों को फसलों की मुआवजा राशि लौटाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि रोग, कीट आदि के कारण खराब हुई फसल की मुआवजा राशि त्रुटिवश आपके खातों में डाल दी गई है। इसे तुरंत लौटाएं अन्यथा कुर्की की जाएगी। नोटिस के साथ ही कई किसानों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं जिससे किसान परेशान हो उठे हैं।
मंदसौर की सुवासरा तहसील के टोकड़ी गांव के किसानों के साथ यह वाकया हुआ है। किसानों से मुआवजा राशि तुरंत वापस करने को कहा गया है। प्रशासन का कहना है कि तकनीकी त्रुटि के कारण ऐसा हुआ है। जिन किसानों को ज्यादा राशि दी जानी थी उन्हें कम पैसे दिए गए और जिन्हें कम मुआवजा मिलना था उन्हें ज्यादा पैसे डाल दिए गए।
किसानों को तहसीलदार कार्यालय की ओर से नोटिस जारी किया गया है जिसमें 3 दिन में मुआवजा राशि लौटाने की बात कही गई है। मुआवजा नहीं लौटाने पर कुर्की करने की भी चेतावनी दी गई है। कई किसानों के खातों को फ्रीज भी कर दिया गया है जिससे उनका लेन – देन ठप हो गया है।
किसानों का कहना है कि फसल खराब होने के बाद नाममात्र का मुआवजा दिया गया और अब उसे भी वापस मांगा जा रहा है। बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाने से किसान ज्यादा परेशान हैं। वे पर्व पर अपनी जमा पूंजी का इस्तेमाल तक नहीं कर पा रहे हैं। फ्रीज बैंक खातों को फिर से शुरू कराने के लिए कई किसान बाजार से कर्ज ले रहे हैं।
इधर प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार जिन किसानों को ज्यादा मुआवजा दे दिया गया है उनसे राशि वापस ली जा रही है। यह पैसा उन किसानों के खातों में डाला जाएगा जिन्हें कम मुआवजा मिला है। बताया जा रहा है कि एक दो व्यापारियों के खातों में भी गल्ती से मुआवजा का पैसा डाल दिया गया है।
सुवासरा तहसीलदार रामलाल मुनिया के मुताबिक त्रुटि पकड़ में आने के बाद करीब ढाई दर्जन किसानों को नोटिस दिए गए हैं। कुर्की नहीं की जाएगी, इसका जिक्र सिर्फ चेतावनी के रूप में किया गया है।