पिता ने खाने में खिला दी थी बेटे को नींद की गोली और फिर बुलाया हत्यारों को, ढाबे पर शराब के नशे में हत्यारे ने बोला तो पहुंची पुलिस तक बात
मंदसौर. जिले के बूढा मंडल भाजपा उपाध्यक्ष श्यामलाल धाकड़ की हत्या उसके ही पिता ने अपने दोस्त के साथ मिलकर पांच लाख की सुपारी देकर करवाई थी। यह खुलासा एसपी विनोद मीना ने पुलिस कंट्रोल रूम पर शुक्रवार को किया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी पिता सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से तीन दिन के पुलिस रिमांड पर आरोपियों को सौंपा है।
एसपी मीना ने बताया कि श्यामलाल धाकड़बड़ा की इसी वर्ष 18 जुलाई को उसके घर पर धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इस मामले में नाहरगढ़ पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि मृतक श्यामलाल धाकड़ का गांव की एक महिला से संबंध थे। श्यामलाल के नाम पर ही जमीन और मकान था। श्यामलाल के पिता दौलतराम धाकड़ को डर था कि महिला के नाम पर जमीन और घर श्यामलाल कर देगा। क्योंकि समाज में महिला से संबंध होने से लगातार बदनामी हो रही थी। जिसके चलते उसने सबसे पहले हत्या करने को लेकर अपने दोस्त गोपाल धाकड़ को यह बात कही। गोपाल ने हत्या के लिए रंगलाल बाछड़ा निवासी रातीतलाई से बात की। रंगलाल ने10 लाख रुपए में हत्या की सुपारी ली। इसकी जानकारी गोपाल ने दौलतराम को दी। दौलतराम ने रुपए कम करने की बात की। इसके बाद गोपाल ने रंगलाल बाछड़ा से बात की और पांच लाख रुपए में हत्या करना तय हुआ।
आठ बार की रैकी, किस तरह करना पिता ने बताया
नाहरगढ़ थाना प्रभारी वरुण तिवारी ने बताया कि हत्या से एक माह पहले सुपारी दी उसके बाद हत्या किस तरह करना है यह दौलतराम ने तय किया। दौलतराम, गोपाल धाकड़ के माध्यम से रंगलाल, अटलूबाछड़ा और सुमित से बात करता था। हत्या करने से पहले करीब आठ बार आरोपियों ने दो बाइक से रैकी की। आरोपी पिता दौलतराम ने तय योजना के तहत बेटे को खाने में नींद की गोली दी। उसके बाद आरोपियों को देर रात करीब तीन बजे बुलाया। इसके लिए दौलतराम ने दरवाजा भी खोल दिया था। तीनों आरोपी आए और श्यामलाल धाकड़ की हत्या कर दी।
ऐसे खुला हत्या का राज, पकड़े गए आरोपी
पुलिस के अनुसार कुछ दिनों पहले आरोपी रंगलाल ढाबे पर अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहा था। नशे में आरोपी ने अपने दोस्तों को कहा कि मुझे पता है श्यामलाल धाकड़ की हत्या किसने की। मैंने हिंगोरिया बड़ा में एक गाड़ी देखी थी जो हिंगोलिया बड़ा का पता पूछ रहे थे। इसकी जानकारी हमें लगी तो रंगलाल बाछड़ा से पूछताछ की। आरोपी रंगलाल ने भ्रमित किया और कई लोगों के नाम बताए। जब उन नामों की तस्दीक की तो सामने आया कि वे लोग तो हत्या के समय जेल में थे। उसके बाद फिर रंगलाल बाछड़ा का पकड़ा और सख्ती से पूछताछ की हत्या करना कबूल किया।
बेटे की तेरहवीं के दिन लिए बकाया रुपए
पुलिस के अनुसार रंगलाल बाछड़ा ने अपने साथी सुमित पिता केशुराम बाछडा और अटलू पिता बगदीराम बाछडा दोनों निवासी रातीतलाई के नाम बताए। रंगलाल ने गोपाल के माध्यम से दौलतराम ने सुपारी दी थी। उसके बाद सभी चारों आरोपियों को पकड़ा। आरोपी रंगलाल ने बताया कि हत्या करने के लिए 50 हजार रुपए एडवांस और बकाया साढ़े चार लाख रुपए तेरहवीं के दिन आरोपी पिता दौलतराम को उसके कुएं पर बुलाया और वहां पर दौलतराम से साढ़े चार लाख रुपए लिए।
माहौल देखने के लिए आ गए आरोपी
पुलिस ने बताया कि हत्या करने के बाद आरोपी हिंगोरिया बड़ा के दूसरे रास्ते से गांव के बाहर निकल गए। जब गांव में श्यामलाल की हत्या की बात फैली तो तीनों आरोपी कपड़े बदलकर घर के आसपास की घूम रहे थे। उसके बाद तीनों आरोपी भीलवाड़ा चले गए। तेरहवीं के दिन रुपए लेने के लिए आए। इतने दिनों में अटलू और रंगलाल ने 27 बार सीम बदली। इस दौरान गोपाल के माध्यम से दौलतराम से बात करते थे। आरोपियों ने हत्या के दौरान हाथ में ग्लब्स और रेन कोर्ट पहन रखे थे। हत्या के बाद रेन कोट को जला दिया था।