बड़ाखेड़ा के किसानों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को ज्ञापन भेजकर डीएपी खाद और नहर के पानी की कमी से होने वाली परेशानियों से अवगत कराया। खाद की कमी से रबी की फसल की बुवाई में देरी हो रही है और नहर में पानी न आने से किसानों में आक्रोश है।
बड़ाखेड़ा: टेल क्षेत्र के किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है। बड़ाखेड़ा, लबान, देहीखेड़ा, माखीदा, पापडी, जाड़ला, बंसवाडा, पीपल्दा थाग, सामरा, बहडावली, खाखटा आदि गांवों के किसान डीएपी खाद और नहर के पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
किसानों ने अपनी समस्याओं से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अवगत करवाते हुए ज्ञापन भेजा है। किसानों का कहना है कि क्षेत्र में नहर के पानी के साथ-साथ डीएपी खाद का भी संकट है। रोजाना चक्कर लगाने के बावजूद उन्हें डीएपी खाद नहीं मिल पा रहा है।
लबान के सरपंच बुध्दिप्रकाश मीणा, ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, गिरिराज मीणा, पवन मीणा, साहब लाल गुर्जर, खेमराज मीणा आदि किसानों ने नहरी पानी और खाद की समस्या को लेकर लोकसभा अध्यक्ष को अवगत करवाया है।
किसान मुकेश मीणा और हनुमान गुर्जर ने बताया कि डीएपी नहीं मिलने के कारण आसपास के शहरों में भी चक्कर काट रहे हैं। खेतों में रबी की फसल बुवाई के लिए तैयार कर रखा है, लेकिन खाद नहीं मिलने के कारण गेहूं और चने की बुवाई समय पर नहीं हो पा रही है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। किसानों ने 15 अक्टूबर से नहरों में पानी छोड़ने की मांग की थी, लेकिन 15 दिन बाद भी टेल क्षेत्र के खेत सूखे पड़े हैं। इससे किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
किसानों को गेहूं और चने की बुवाई के लिए परेशान होना पड़ रहा है। समस्या को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के प्रति रोष प्रकट किया है। किसानों का कहना है कि समय रहते यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया तो सिंचाई विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे।