मथुरा

ब्रजभूमि में भक्ति का अद्भुत दृश्यः प्रेमानंद महाराज और राजेंद्र दास के मिलन ने छू लिए भक्तों के दिल

वृंदावन के राधा केलि कुंज में बुधवार को ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने हर भक्त की आंखें नम कर दीं। स्वामी प्रेमानंद महाराज और महंत राजेंद्र दास महाराज का भावुक मिलन देखते ही वहां मौजूद श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। दोनों संतों के बीच भक्ति और प्रेम का अद्भुत संगम देखने को मिला। आइये जानते हैं,मलूकपीठाधीश्वर महंत राजेंद्र दास महाराज ने क्या कहा?

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Oct 16, 2025
मथुरा वृंदावन में दो संतों का मिलन फोटो सोर्स प्रेमानंद महाराज के ऑफिशल अकाउंट से

मथुरा वृंदावन ब्रजभूमि की पावन धरा बुधवार को एक दिव्य और भावनात्मक मिलन की साक्षी बनी। वृंदावन के रमणरेती वाराहघाट स्थित राधा केलि कुंज में मलूकपीठाधीश्वर महंत राजेंद्र दास महाराज और स्वामी प्रेमानंद महाराज का मिलन हुआ तो वातावरण भक्तिभाव से सरोबार हो उठा। दोनों संतों के आमने-सामने आते ही वहां उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो गए।

स्वामी प्रेमानंद महाराज जैसे ही महंत राजेंद्र दास के समीप पहुंचे, उनके नेत्र भर आए। भावनाओं के प्रवाह में वे रो पड़े और उनके चेहरे पर आत्मिक आनंद की चमक झलकने लगी। उन्होंने नतमस्तक होकर राजेंद्र दास महाराज के चरण धोए। पूजन किया और आशीर्वाद लिया। यह दृश्य देखकर उपस्थित भक्तों की आंखें भी नम हो उठीं।
इस आत्मीय संवाद के दौरान महंत राजेंद्र दास महाराज ने स्वामी प्रेमानंद के स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की। उन्होंने ब्रज के संतों की साधना, भक्ति और अध्यात्मिक परंपरा से जुड़ी कई रोचक कथाएं भी सुनाईं। साथ ही भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी के द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण, राधारानी और अष्टसखियों के रूप में अवतार लेने की अद्भुत कथा का भी श्रवण कराया।

ब्रजभूमि जहां भक्ति, करुणा और प्रेम हर हृदय में बसते

वहीं दूसरी ओर, स्वास्थ्य लाभ के दौर से गुजर रहे स्वामी प्रेमानंद महाराज के प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह अब भी कम नहीं हुआ है। उनकी एक झलक पाने को हजारों भक्त रोज राधा केलि कुंज पहुंच रहे हैं। भक्तों की इस अगाध श्रद्धा को देखकर स्वामी प्रेमानंद स्वयं आश्रम से बाहर निकलकर पैदल ही दर्शनार्थियों के बीच पहुंचते हैं। उन्हें आशीर्वाद देते हैं। यह मिलन न केवल संत परंपरा की गहराई को दर्शाता है। बल्कि ब्रजभूमि की उस अनूठी आध्यात्मिक एकता को भी जीवंत करता है। जहां भक्ति, करुणा और प्रेम हर हृदय में बसते हैं।

Published on:
16 Oct 2025 10:00 am
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