Chandrashekhar Azad in Mathura: चंद्रशेखर मथुरा के पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने वहां अखिलेश यादव पर निशाना साधा। इसके बाद जैसे ही वहां से निकले उनके काफिले पर पथराव हो गया। आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला ?
Chandrashekhar on Akhilesh Yadav in Mathura: भीम आर्मी के फाउंडर और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नगीना लोकसभा सांसद चंद्र शेखर आजाद शुक्रवार को मथुरा के करनावल गांव के पीड़ित दुल्हनों से मिलने पहुंचे। यहां से निकलकर भगतिया नगला जा रहे थे तभी भगतनगर में उनके काफिले पर पथराव हो गया।
मथुरा के रिफाइनरी थाना क्षेत्र के करनावल गांव के में दबंगों ने दलित के घर आई बरात में खूब तबाही मचाई थी। 21 फरवरी 2025 (शुक्रवार) के दिन राजस्थान के डींग जिले से आई बारात में दबंगों ने दुल्हन पर कीचड़ फेकें और दुल्हन के पिता और भाई के साथ मारपीट की। इसे देख लड़के वाले बारात लेकर वापस चले गए। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
नगीना से लोक सभा सांसद चंद्रशेखर आजाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। करनावल गांव में युवाओं ने उनका भव्य स्वागत किया। चंद्रशेखर ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने दोनों लड़कियों से भी बात की और हरसंभव मदद करने की बात कही। उन्होंने सरकार से परिवार को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा और 5 एकड़ का पट्टा देने की मांग रखी। चंद्रशेखर को देखने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी
चंद्रशेखर आजाद ने वहां अखिलेश पर निशाना साधा। चंद्रशेखर ने अखिलेश का बिना नाम लिए कहा कि इन बड़े नेताओं के मुंह से 2 शब्द नहीं निकले। शायद इनका भाव रहा होगा कि आरोपी भी एक खास जाति के लोग हैं। मगर गलत को गलत तो कह सकते थे। आवाज उठा सकते थे, साथ तो खड़े हो सकते थे। मगर इनका आपसे चुनावी रिश्ता है।
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि आप समझ रहे होंगे मैं किनके लिए कह रहा हूं। इस चुनावी रिश्ते को ऐसे समझिए कि वो आपके आत्मसम्मान की रक्षा भी नहीं कर सकते हैं। बताइए इससे बड़ा कोई अपमान हो सकता है क्या? आरोपियों के एक खास जाति से संबंधित होने की वजह से ठीक से कार्रवाई तक नहीं हो पाई है। ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं इस परिवार के साथ खड़ा हूं।
चंद्रशेखर लगभग 01:30 बजे करनावल गांव से रवाना हुए और भगतिया नगला जा रहे थे। रास्ते में भगतनगर पहुंचने पर उनके काफिले पर अचानक पत्थर फेंके गए। इस हमले से वहां अफरा-तफरी मच गई। पुलिसकर्मियों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने तुरंत हरकत में आकर चंद्रशेखर की गाड़ी को घेर लिया और उन्हें सुरक्षित निकाल लिया। कुछ ही पलों में उपद्रवी मौके से फरार हो गए। स्थिति सामान्य होने के बाद, चंद्रशेखर अपनी गाड़ी से बाहर आए और मौके पर पहुंची पुलिस से बहस की।