मथुरा

‘…पड़े-पड़े सड़ते हैं लोग’, नए साल में मान ली प्रेमानंद महाराज की ये बातें तो हो जाएगी बल्ले-बल्ले!

Premanand Maharaj Tips For New Year 2026: नए वर्ष को कैसे बनाएं मंगलमय? प्रेमानंद महाराज ने इस सवाल के जवाब में जानिए क्या कहा?

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Dec 31, 2025
नए वर्ष को कैसे बनाएं मंगलमय? क्या बोले प्रेमानंद महाराज (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Premanand Maharaj Tips For New Year 2026: नए साल के आगमन से पहले ही देशभर के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु धार्मिक स्थलों और मंदिरों की ओर रुख कर रहे हैं। इसी क्रम में बड़ी संख्या में भक्त वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए भी पहुंच रहे हैं, जहां वे उनसे नए साल को लेकर मार्गदर्शन और अपने मन के सवालों के जवाब प्राप्त कर रहे हैं।

इसी दौरान एक श्रद्धालु ने प्रेमानंद महाराज से प्रश्न किया, “महाराज जी, आने वाले नव वर्ष में हमें किन नियमों का पालन करना चाहिए?” इस पर उत्तर देते हुए महाराज ने कहा कि नया साल केवल जश्न या पार्टियों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह आत्ममंथन और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर होता है। उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि नव वर्ष में बुरे कर्मों और गलत आदतों का त्याग कर सद्कर्मों को अपनाना चाहिए। साथ ही भगवान की भक्ति, सेवा और परोपकार को जीवन का हिस्सा बनाकर ही सच्ची सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।

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मांस-मदीरा और पाप से दूर रहें

प्रेमानंद महाराज ने अपने उत्तर में स्पष्ट शब्दों में कहा कि शराब का सेवन, मांसाहार, हिंसा और व्याभिचार जैसे आचरण व्यक्ति को अधोगति की ओर ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि कई लोग नए साल के जोश में इन बातों को आनंद समझ लेते हैं, जबकि यह सच्ची खुशी नहीं होती। महाराज ने जोर देते हुए कहा कि सिर्फ “हैप्पी न्यू ईयर” कहकर नशा करना या गलत कर्मों में लिप्त होना खुशी नहीं, बल्कि यह दुःख और पाप का कारण बनता है।

नए वर्ष को कैसे बनाएं मंगलमय

प्रेमानंद महाराज ने कहा, '' नए वर्ष को मंगलमय बनाने के लिए नशा छोड़ने का नियम लो। मांस नहीं खाएंगे, शराब नहीं पीएंगे। हम पाप कर्म नहीं करेंगे। हम हिंसा नहीं करेंगे। हम चोरी नहीं करेंगे। हम गलत आचरण नहीं करेंगे। ऐसे नियम लेने चाहिए।''

शराब का सेवन करने वालों के लिए क्या बोले?

उन्होंने शराब का सेवन करने वालों के लिए कहा, '' दुख भोगोगे। पाप कर्म कर रहे हो। मनुष्य को मदीरा पीना पाप है। राक्षस को मदीरा पीना स्वभाविक है।'' उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि वह राक्षस प्रवृत्ति के हैं तो उनके लिए दुर्गति है।'' उन्होंने कहा कि कर्म अगर बिगड़ जाता है को लोग पड़े-पड़े सड़ते हैं।

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