सर्पदंश के क्लीनिकल प्रबंधन की जानकारी देते हुए, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर एन सिंह ने बताया कि चिकित्सकों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह सर्पदंश के मामलों में त्वरित निर्णय ले, वह इलाज की दिशा में शीघ्र कदम उठाएं।
Mau News: मऊ में सर्पदंस न्यूनीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत सीएमओ के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में जनपद के लगभग 54चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी द्वारा सर्पदंश के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सकों और वैज्ञानिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने पर जोर दिया राज्य स्तर पर प्रबंधक कार्मिक शांतनु द्विवेदी ने समन्वय का दायित्व संभाला सर्वप्रथम सलाहकार काव्या शर्मा ने प्रशिक्षण की रूपरेखा तथा तकनीकी विषय वस्तु तैयार किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल सिंह के द्वारा सबका स्वागत किया गया। सर्पदंश के क्लीनिकल प्रबंधन की जानकारी देते हुए, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर एन सिंह ने बताया कि चिकित्सकों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह सर्पदंश के मामलों में त्वरित निर्णय ले, वह इलाज की दिशा में शीघ्र कदम उठाएं।
मास्टर ट्रेनर डॉ सारीक कादिर डॉ सजय राव, डॉ विमलेन्दर भूषण प्रसाद द्वारा विषैला और गैर विषैला सर्पदंश के पहचान के बारे में बताया गया और कहा कि हर सर्पदंस जानलेवा नहीं होता लेकिन पहचान में लापरवाही घातक हो सकती है।
उनके द्वारा बताया गया कि रक्तस्राव मांसपेशियों में कमजोरी व सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षणों की जानकारी ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वप्रथम प्रबंधन में चिकित्सकों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि चिकित्सक न केवल इलाज करते हैं बल्कि समुदाय में जागरूकता फैलाने का भी काम करते हैं।
आपदा विशेषज्ञ शशि भूषण एवं रवि शंकर ओझा एपिडेमियोलॉजीस्ट के द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया प्रशिक्षण में प्रशासनिक अधिकारी अरुण श्रीवास्तव द्वारा जनपद स्तर पर निगरानी की गई तथा शासन स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी निगरानी की गई।