प्रेमी के साथ मिलकर पति के टुकड़े कर शव को ड्रम में डालकर सीमेंट भरने वाली मुस्कान को जिला जेल में अहसास हो गया है कि माता-पिता उसका साथ नहीं देंगे। ऐसे में उसने जेल अफसरों से मदद की गुहार लगाई है।
मुस्कान ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर खुद के लिए सरकारी वकील की मांग की है।सौरभ राजपूत की नृशंस हत्या के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे पहुंची मुस्कान का नशा उतरने लगा है। उसे अब जेल की सलाखें डराने लगी हैं।
जेल सूत्रों की मानें तो मुस्कान ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. वीरेश राज शर्मा से मुलाकात कर कहा कि वह एकदम अकेली हो गई है, उसका कोई नहीं है। मम्मी और पापा बहुत नाराज हैं जो उसका मुंह भी नहीं देखना चाहते है। वह उसे जेल से नहीं निकालेंगे। चार दिन हो गए, उससे वह मिलने भी नहीं आए हैं। उसका कहना है कि उसे वकील दिलाया जाए जो उसका केस लड़ सके। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने मुस्कान से लिखित में पत्र लिया है और मदद का भरोसा दिलाया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने बताया कि शनिवार को मुस्कान ने मिलने की इच्छा जताई थी। उसे बुलवाकर बात की तो वह बोली, मेरे घरवाले नाराज हैं, वह मुकदमा नहीं लड़ेंगे। इसलिए मुझे सरकारी वकील दिलाएं। मुस्कान का प्रार्थना पत्र कोर्ट को भेजा है।