Meerut News: नीले ड्रम हत्याकांड के आरोपी साहिल की जेल के अंदर की जिंदगी का बड़ा खुलासा हुआ है। बेटी के जन्म की खबर मिलने पर साहिल की प्रतिक्रिया, उसका जेल रूटीन और सहबंदी छात्र नेता द्वारा बताई गई अंदर की कहानी इस रिपोर्ट में सामने आई है।
Blue drum meerut murder case: नीले ड्रम में पति सौरभ के शव को टुकड़ों में काटकर सीमेंट से जमा देने के सनसनीखेज मामले में आरोपी मुस्कान और साहिल बीते 10 महीनों से जेल में बंद हैं। इसी दौरान 24 नवंबर को मुस्कान ने अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम ‘राधा’ रखा गया। जेल में बंद साहिल को जब यह खबर मिली, तो उसका व्यवहार और प्रतिक्रियाएं चर्चा का विषय बन गईं।
साहिल के साथ जिस बैरक में बंद रहे छात्र नेता अक्षय बैंसला को 24 दिसंबर को जमानत मिल गई। अक्षय मेरठ से 15 किलोमीटर दूर खानपुर गांव का रहने वाला है और उस पर मेरठ यूनिवर्सिटी में फायरिंग का आरोप है। अक्षय करीब 48 दिन जेल में रहा और उसी दौरान उसने साहिल को बेहद करीब से देखा और समझा।
अक्षय बताता है कि वह पहले भी स्टूडेंट पॉलिटिक्स के चलते जेल जा चुका है, लेकिन इस बार माहौल अलग था। जिस बैरक में उसे रखा गया, वहीं साहिल शुक्ला भी था, जिसके बारे में वह पहले ही अखबारों में पढ़ चुका था। अक्षय के मुताबिक, साहिल को पहली बार देखकर वह अंदर से डर गया था और ज्यादा किसी से बातचीत करने की हालत में नहीं था।
अक्षय का कहना है कि साहिल की उम्र कम होने की वजह से दोनों में धीरे-धीरे बातचीत शुरू हो गई। एक दिन अक्षय ने उससे पूछा कि उससे मिलने कोई क्यों नहीं आता। बाद में अन्य बंदियों से पता चला कि सिर्फ उसका भाई और उसकी बुजुर्ग नानी ही कभी-कभार उससे मिलने जेल आती थीं।
जेल में दोनों का रोज का रूटीन बंदियों की गिनती से शुरू होता था। इसके बाद चाय पीने जाते थे, लेकिन साहिल को जेल की चाय और नाश्ता बिल्कुल पसंद नहीं था। वह अक्सर अपना हिस्सा छोड़ देता और कैंटीन में चाय-नाश्ता करता था। सर्दियों में चाय पीने के बाद दोनों बरामदे में टहलते भी थे।
अक्षय के अनुसार, साहिल ज्यादातर अकेला रहना पसंद करता था। अन्य बंदी उससे बार-बार पूछते थे कि उसने सौरभ की हत्या कैसे की और मुस्कान के साथ कहां-कहां घूमता था। इन सवालों से बचने के लिए साहिल ज्यादा बातचीत नहीं करता था, हालांकि जब भी बात करता, उसका व्यवहार बिल्कुल सामान्य नजर आता था।
जेल प्रशासन ने साहिल को सब्जियां उगाने के काम में लगाया था। जेल में उसके बाल और दाढ़ी छोटे हो गए थे। वह अक्सर अखबार पढ़ता दिखता था, ताकि बाहर की दुनिया और अपने केस से जुड़ी खबरों से जुड़ा रह सके। साहिल को साधारण कपड़े पसंद नहीं थे और वह ज्यादातर एक हुडी पहनकर रहता था।
25 नवंबर की सुबह करीब 8 बजे जेल में अखबार मिला, जिसमें मुस्कान के अस्पताल में भर्ती होने और बेटी के जन्म की खबर छपी थी। यह खबर पढ़ते ही साहिल के चेहरे पर खुशी साफ दिखाई दी। अन्य बंदियों ने उससे मजाक में कहा कि वह पापा बन गया है और अब दावत देनी पड़ेगी।
बंदियों की बात सुनकर साहिल ने जवाब दिया- “तुम लोग भी चाचा बन गए हो। जेल से बाहर निकलने दो, सबको पार्टी दूंगा।” अक्षय के मुताबिक, साहिल रोजाना अखबार में अपने केस से जुड़ी हर खबर ध्यान से पढ़ता था और अक्सर कहता था कि इतने समय बाद भी उसकी खबरें अखबारों से गायब नहीं हुई हैं।