मेरठ

Meerut Accident: मेरठ हादसे में दो दोस्तों की दर्दनाक मौत, शवों की पहचान में हुई चूक, घरवालों ने कहा- ये हमारा बेटा नहीं

Meerut Accident News: मेरठ के दो दोस्तों अभिनव और अमित की केजीपी एक्सप्रेसवे पर हादसे में मौत हो गई। शवों की पहचान में गलती के कारण दोनों के शव एक-दूसरे के घर पहुंच गए। नहलाने के वक्त परिजनों को पता चला कि शव बदल गए हैं, फिर अदला-बदली कर अंतिम संस्कार हुआ।

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Jul 29, 2025
Meerut Accident: मेरठ हादसे में दो दोस्तों की दर्दनाक मौत | Image Source - Social Media

Two friends died tragically in Meerut accident: एक दिल दहला देने वाली घटना में मेरठ के दो व्यापारी दोस्तों की केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे में मौत हो गई। दोनों की पहचान अभिनव अग्रवाल उर्फ अंशुल (42 वर्ष) और अमित अग्रवाल उर्फ सोनू (40 वर्ष) के रूप में हुई है। हादसे के बाद जब सोमवार देर रात शव मेरठ लाए गए, तो दोनों के शव गलती से एक-दूसरे के घर पहुंच गए।

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स्नान के दौरान हुआ खुलासा

मंगलवार सुबह जब अभिनव के परिजन शव को नहलाने की प्रक्रिया शुरू कर रहे थे, तभी उन्हें शक हुआ कि ये उनका बेटा नहीं है। चेहरे की पहचान और शरीर की बनावट को देखकर परिवार हतप्रभ रह गया। बाद में जब स्टीकर की जांच की गई, तो मालूम पड़ा कि शवों पर नाम के स्टिकर गलत तरीके से लगाए गए थे। इस चूक से दोनों परिवारों को भारी मानसिक आघात पहुंचा।

एंबुलेंस से शवों की अदला-बदली, फिर हुआ अंतिम संस्कार

स्थिति स्पष्ट होते ही अभिनव के परिजन अमित का शव लेकर शास्त्रीनगर स्थित उनके घर पहुंचे और वहां सही शवों की अदला-बदली की गई। इसके बाद दोनों परिवारों ने अपने-अपने परिजनों का विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया।

दोस्ती का अंत भी एक साथ, मथुरा यात्रा बनी आखिरी यात्रा

बताया गया कि अभिनव अग्रवाल की बुढ़ाना गेट के पास स्वामीपाड़ा क्षेत्र में 'जवाहर बुक डिपो' के नाम से दुकान थी। वहीं उनके दोस्त अमित अग्रवाल शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में पूजा-पाठ की सामग्री की दुकान चलाते थे। जन्माष्टमी के अवसर पर दुकान में बिक्री के लिए धार्मिक सामग्री मथुरा-वृंदावन और आगरा से लेने के लिए दोनों एक साथ सोमवार सुबह निकले थे।

अभिनव कार चला रहे थे और आगे की सीट पर अमित बैठे थे। केजीपी पर एक ट्रॉला अचानक सामने आया, जिससे कार उसमें पीछे से जा घुसी और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही दोनों परिवार पलवल के लिए रवाना हो गए थे।

दोस्ती की मिसाल, मगर अधूरी रह गई यात्रा

अभिनव और अमित की मित्रता वर्षों पुरानी थी। दोनों न केवल व्यापार में साथ थे बल्कि सामाजिक आयोजनों में भी कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे। उनकी आखिरी यात्रा ने भी इस बात की गवाही दी कि दोस्ती वाकई मौत के बाद भी साथ निभाती है। हालांकि, शवों की अदला-बदली जैसी लापरवाही ने परिजनों के दुख को और बढ़ा दिया।

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