मिर्ज़ापुर जिले में एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ एक लेखपाल को पकड़ लिया। 10 हजार रिश्वत लेते एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल विवेक मिश्रा को शहर कोतवाली के बीएलजे ग्राउंड से रंगे हाथ पकड़ा है, जिसकी जानकारी होते ही महकमें में हड़कंप मच गया है।
Mirzapur news: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ एक लेखपाल को पकड़ लिया। 10 हजार रिश्वत लेते एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल विवेक मिश्रा को शहर कोतवाली के बीएलजे ग्राउंड से रंगे हाथ पकड़ा है, जिसकी जानकारी होते ही महकमें में हड़कंप मच गया है। आरोप है कि सदर तहसील क्षेत्र के निवासी एक किसान को एक विस्सा जमीन कब्जा दिलाने के नाम पर पकड़ा गया लेखपाल विवेक मिश्रा रिश्वत मांग रहा था। पीड़ित किसान ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन की टीम से किया तो टीम ने लेखपाल को रंगे हाथों दबोचने के लिए अपना जाल बिछाया था जिसमें आखिरकार लेखपाल फंस गए। जानकारी के मुताबिक पीड़ित किसान की शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन की टीम ने किसान के द्वारा पैसा देने पर लेखपाल को रंगे हाथ पकड़ा गया।
एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल को पड़कर देहात कोतवाली लाकर पूछताछ कर रही है। बताया जाता है कि किसान से रिश्वत लेने के आरोप में धरा गया लेखपाल सदर तहसील के सारीपुर गांव में कार्यरत था। जहां के रहने वाले पीड़ित किसान रामाश्रय सारीपुर से दस हजार की रिश्वत विवेक मिश्रा लेखपाल द्वारा मांग की गई थी जिसे रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों हाथों एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तार किया है।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में इसके पूर्व भी कई सरकारी मुलाजिम रिश्वतखोरी के मामले में एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ चुके हैं। इसमें पुलिस विभाग से लेकर राजस्व और प्रशासनिक कार्यालय से जुड़े हुए सरकारी मुलाजिम शामिल रहे हैं। बावजूद इसके ना तो जिले में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का मामला थम रहा है और ना ही ऐसी कार्रवाई का किसी में भय दिखाई दे रहा है। बीते महिने में चील्ह और जिगना थाना पर एंटी करप्शन टीम ने रिश्वतखोरी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए हड़कंप मचा दिया था। इसी प्रकार जिला मुख्यालय स्थित एक सरकारी कार्यालय के बाबू को रंगे हाथों टीम ने दबोच लिया था।