
मदरसों की मान्यता को लेकर एक घोटाला सामने आया, PC- X
Mirzapur Madrasa scam : मदरसों की मान्यता और सरकारी धन से जुड़ा घोटाला सामने आया है। SIT जांच में खुलासा हुआ है कि मिर्जापुर में 89 मदरसों की मंजूरी में गड़बड़ियां पाई गई हैं। पहले फर्जी तरीके से मान्यता दी गई और फिर मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत शिक्षकों के नाम पर बिना सत्यापन किये 10 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया।
SIT की रिपोर्ट के अनुसार, मदरसों को पहले फर्जी तरीके से मान्यता दी गई और बाद में उनके रिकॉर्ड को सही तरीके से जांच किए बिना शिक्षकों के वेतन के लिए बजट की मांग कर दी। जांच में यह भी पाया गया कि कुछ ऐसे भी मदरसों को भी भुगतान किया गया है, जिनके लिए बजट स्वीकृत किया ही नहीं गया है। इस पूरे मामले में 42 मदरसा प्रबंधकों के साथ-साथ मिर्जापुर में तैनात रहे तीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों और कुछ कर्मचारियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
रिपोर्ट में दो तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, दो क्लर्क, एक कंप्यूटर ऑपरेटर और 42 मदरसा प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, एक अन्य तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पर वर्ष 2017 में बिना सत्यापन के डिजिटल हस्ताक्षरों के माध्यम से मदरसों को लॉक करने और लगभग 1 करोड़ 94 लाख रुपये के भुगतान का आरोप है। जिनके खिलाफ विभागीय जांच की सिफारिश की गई है।
SIT जांच में यह भी खुलासा हुआ कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मदरसा प्रबंधकों के साथ मिलीभगत कर सरकारी आदेशों और उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004 का अवहेलना किया है । अधिनियम के अनुसार गैर-मुस्लिम द्वारा संचालित मदरसे कानूनी रूप से मान्य नहीं हैं। इसके बावजूद एक मदरसे को गैर-मुस्लिम संचालक पर भी योजना का लाभ दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2020 में संचालक अल्पसंख्यक कल्याण की सिफारिश पर इस पूरे मामले की जांच SIT को सौंपी गई थी। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव संयुक्ता समद्दार ने पुष्टि की है कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है और उसका मूल्यांकन कराया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
30 Dec 2025 07:05 pm
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