UP News: मुरादाबाद मंडी समिति में अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर विधायक रितेश गुप्ता और मंडी सचिव संजीव कुमार के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि विधायक के समर्थकों ने सचिव के साथ मारपीट की और कार्यालय में तोड़फोड़ की, जिसमें सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए गए।
BJP MLA furious over encroachment removal in moradabad up: यूपी के मुरादाबाद की मंडी समिति में सोमवार को उस वक्त अफरातफरी मच गई जब अतिक्रमण हटाने के मुद्दे पर भाजपा के नगर विधायक रितेश गुप्ता और मंडी सचिव संजीव कुमार आमने-सामने आ गए। आरोप है कि विधायक के समर्थकों ने सचिव के साथ मारपीट की और उनके कार्यालय में तोड़फोड़ की, यहां तक कि सीसीटीवी कैमरे भी क्षतिग्रस्त कर दिए गए। मामला तेजी से गरमा गया और मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात करना पड़ा।
मंडी सचिव संजीव कुमार के अनुसार, फल मंडी में एक महिला व्यापारी जो कि विधायक रितेश गुप्ता की करीबी बताई जा रही हैं कथित रूप से स्थायी ढांचा (टीन सेट) डालने का प्रयास कर रही थीं। सचिव ने इसे अवैध बताते हुए निर्माण रोकने की सख्त चेतावनी दी। यही बात पूरे विवाद की जड़ बनी।
बताया जा रहा है कि बुद्धि विहार निवासी महिला पिछले दो दिनों से एक स्थान पर व्यापार कर रही थीं, और उसी जगह पर टीन सेट डालने का काम चल रहा था। सचिव ने तुरंत दखल देते हुए निर्माण रुकवाया।
सोमवार दोपहर लगभग 12 बजे, महिला के पति और कुछ अन्य लोग मंडी सचिव से मिलने पहुंचे। बातचीत के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि महिला के पति ने विधायक को फोन मिलाकर सचिव को थमा दिया। सचिव के अनुसार उन्होंने विधायक से कहा - “मैंने स्पष्ट कहा कि यह निर्माण अवैध है। मंडी में ऐसे अतिक्रमण नहीं होने देंगे। जरूरत पड़ी तो बुलडोजर चलवाएंगे।”
इसी के बाद विधायक की ओर से फोन पर कथित तौर पर गाली-गलौज और धमकी दी गई कि -
"रुको, हम खुद आ रहे हैं, अभी तुम्हें सही कर देंगे।"
सचिव संजीव कुमार का आरोप है कि फोन कॉल के लगभग 15 मिनट बाद 10 से 15 लोग उनके कक्ष में घुस आए। दरवाजा बंद कर उन्होंने कुर्सी को लात मार गिरा दिया, सीसीटीवी कैमरे तोड़ डाले और कर्मचारियों को धमकाकर भगा दिया। सचिव ने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई और पूरे कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। एडीएम सिटी ज्योति सिंह और एसपी सिटी रणविजय सिंह मौके पर पहुंचे। प्रभारी निरीक्षक मझोला रविंद्र कुमार ने सचिव से पूरी जानकारी ली और घटनास्थल का निरीक्षण किया। सीओ कुलदीप गुप्ता भी मौके पर पहुंचे और मंडी परिसर में जांच की।
पुलिस द्वारा मंडी सचिव और अन्य कर्मचारियों के बयान मझोला थाने में दर्ज किए जा चुके हैं। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
मंडी सचिव संजीव कुमार ने कहा कि वह हाल ही में मुरादाबाद में तैनात हुए हैं, इसलिए नगर विधायक को पहचानते नहीं थे। इसी बात को लेकर भी गलतफहमी और टकराव की स्थिति बन गई। उन्होंने साफ किया कि वह सिर्फ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे और मंडी परिसर में किसी भी तरह के अवैध निर्माण या अतिक्रमण को नहीं होने देंगे।
एसपी सिटी रणविजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है। दोषी चाहे कोई भी हो, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि क्या सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन निर्विघ्न कर पाएंगे, या फिर राजनीतिक हस्तक्षेप व्यवस्था पर भारी पड़ता रहेगा?