Moradabad News: मुरादाबाद में डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिला अस्पताल और निजी क्लीनिकों में बुखार से पीड़ित लोगों की भीड़ लगी है। पैथोलॉजी में जांच के लिए लंबी कतारें हैं और रिपोर्ट मिलने में दो से तीन दिन लग रहे हैं। वहीं, डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की भारी किल्लत बनी हुई है।
Dengue malaria cases rise in Moradabad: यूपी के मुरादाबाद में डेंगू और मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने 5 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक संक्रामक रोग नियंत्रण अभियान चलाने की घोषणा की थी, फिर भी मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। जिला अस्पताल से लेकर निजी क्लीनिकों तक बुखार, डेंगू और मलेरिया के मरीजों की कतारें लगी हैं। यह स्थिति बताती है कि जन-जागरूकता और रोकथाम के प्रयासों के बावजूद संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों हालात बेहद चिंताजनक हैं। फिजिशियन और बाल रोग विशेषज्ञों के कक्षों में टायफाइड, वायरल बुखार, डेंगू और मलेरिया के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि रोजाना 150 से 200 मरीज केवल बुखार से संबंधित लक्षणों के साथ इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। चिकित्सक मरीजों को लक्षणों के आधार पर खून की जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। पैथोलॉजी विभाग के बाहर लंबी कतारें इस बात का संकेत हैं कि हालात कितने गंभीर हो चुके हैं।
रक्त जांच के लिए उमड़ी भीड़ के कारण अस्पताल की पैथोलॉजी में स्थिति मेला जैसी हो गई है। सैकड़ों मरीजों की जांच के नमूने रोज लिए जा रहे हैं, जिससे रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन तक की देरी हो रही है। डॉक्टरों को भी इलाज शुरू करने से पहले रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ रहा है। यह देरी न केवल मरीजों के लिए तकलीफदेह साबित हो रही है, बल्कि संक्रमण को भी फैलाने का खतरा बढ़ा रही है।
डेंगू के गंभीर मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है, लेकिन ब्लड बैंक में समान रक्त समूह न मिलने के कारण बड़ी समस्या खड़ी हो रही है। मरीजों के परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर हैं। कुछ मामलों में जरूरतमंदों को कई घंटे इंतजार के बाद भी प्लेटलेट्स नहीं मिल पा रहे। प्रमुख अधीक्षक डॉ. संगीता गुप्ता ने बताया कि मरीजों की संख्या इन दिनों अत्यधिक है, लेकिन अस्पताल प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि सभी को उचित इलाज मिल सके।