Lalbaugcha Raja 2025 Visarjan : मुंबई के सबसे लोकप्रिय और श्रद्धेय गणपति 'लालबागचा राजा' का विसर्जन रविवार रात में किया गया। इस वर्ष उनके पंडाल को भगवान तिरुपति बालाजी की थीम पर सजाया गया था। यह लालबागचा राजा का 92वां वर्ष था।
Lalbaugcha Raja 2025: मुंबई का प्रसिद्ध लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल इस बार शुरुआत से ही विवादों से घिरा रहा। पहले ही दिन से मंडल पर आरोप लगा कि आम भक्तों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, जबकि वीआईपी मेहमानों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। मंडल के कार्यकर्ताओं पर आम श्रद्धालुओं से बदसलूकी करने के भी आरोप लगे। इसके बाद समुद्र में हाई-टाइड (High Tide) की वजह से 'लालबागचा राजा' यानी 'लालबाग के राजा' के विसर्जन में देरी हुई। इस पूरे प्रकरण ने सोशल मीडिया पर जोर पकड़ लिया और मंडल की आलोचना हुई। विसर्जन से पहले लालबागचा राजा के शोभायात्रा में उद्योगपति अनंत अंबानी भी पहुंचे थे।
लालबागचा राजा के विसर्जन में हुई देरी पर सोशल मीडिया पर कई वीडियो और रील्स वायरल हुए। इन्हीं में से एक फोटोग्राफर द्वारा बनाए गए रील में मुंबई पुलिस को गलत तरीके से पेश किया गया था। वीडियो में ऐसा दिखाया गया था कि लालबागचा राजा के दर्शन अमीरों के लिए सुलभ और आम लोगों के लिए बेहद कठिन हैं। वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस की छवि खराब करने और गलत जानकारी फैलाने के आरोप में फोटोग्राफर के खिलाफ कालाचौकी थाने में मामला दर्ज किया गया है।
इसी बीच मंडल ने गिरगांव चौपाटी के नाखवा हिरालाल वाडकर के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है। वाडकर ने मीडिया से बातचीत में मंडल पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि कोली समाज के वाडकर बंधु कई वर्षों से लालबाग के राजा का विसर्जन करते आ रहे हैं। लेकिन इस साल विसर्जन की जिम्मेदारी गुजरात की एक कंपनी को सौंपी गई थी, जिसके चलते पूरा गणित बिगड़ गया और विसर्जन में घंटों की देरी हुई।
हालांकि, मंडल ने इन दावों को झूठा बताया और कहा कि समुद्र में हाई-टाइड (High Tide) की वजह से तेज लहरें और पानी बढ़ने की वजह से विसर्जन देर से हुआ। मंडल का आरोप है कि वाडकर ने जानबूझकर गलत जानकारी फैलाई और मंडल की छवि खराब की। इसी कारण उनके खिलाफ मानहानि का दावा बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर किया जाएगा।
शनिवार सुबह करीब 10 बजे लालबाग मंडप से 'लालबागचा राजा' की भव्य शोभायात्रा निकली। भक्तों की भारी भीड़ और पूरे रास्ते चलने वाले भजन-कीर्तन, ढोल-ताशों के बीच यह यात्रा लगभग 20 घंटे बाद रविवार सुबह 8 बजे गिरगांव चौपाटी पहुंची। सभी को उम्मीद थी कि आरती के बाद डेढ़-दो घंटे में, यानी सुबह करीब 11 बजे तक विसर्जन संपन्न हो जाएगा। लेकिन हाई टाइड के चलते देर रात करीब 9 बजे जाकर बप्पा का विसर्जन हो पाया।