पीएम मोदी 8 और 9 अक्टूबर को मुंबई दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे और मुंबई मेट्रो लाइन-3 के चरण 2बी को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
भारतीय रेलवे नेटवर्क के विस्तार के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार ने 24,634 करोड़ रुपये के चार महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें महाराष्ट्र के दो बड़े परियोजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई। खास बात यह है कि पीएम मोदी के 8 और 9 अक्टूबर को होने वाले मुंबई दौरे से ठीक पहले महाराष्ट्र को यह तोहफा मिला है, जिससे कोकण, विदर्भ और खानदेश क्षेत्र की रेल कनेक्टिविटी को नया आयाम मिलेगा।
अधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने रेल मंत्रालय की 24,634 करोड़ रुपये की चार परियोजनाओं को मंजूरी दी। इनमें महाराष्ट्र में वर्धा-भुसावल के बीच 314 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन के साथ ही 84 किलोमीटर लंबी गोंदिया-डोंगरगढ़ चौथी लाइन भी शामिल है।
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यह लाइन (Wardha-Bhusawal 3rd, 4th Line) विदर्भ और खानदेश को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है। जबकि भुसावल एक बड़ा रेलवे जंक्शन होने के कारण, इस मार्ग से मुंबई-कोलकाता (हावड़ा) मुख्य मार्ग पर रेल यातायात की भीड़ कम होने में मदद मिलेगी। यह मार्ग पूरा होने पर मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों की गति बढ़ेगी, जिससे कोकण से विदर्भ या मध्य भारत की ओर होने वाला रेल परिवहन और तेज हो जाएगा।
गोंदिया-डोंगरगढ़ रेल मार्ग (Gondia-Dongargarh 4th Line) महाराष्ट्र के गोंदिया जिले को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले से जोड़ता है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण कोयला परिवहन मार्ग है, इसलिए चौथी लाइन बनने के बाद औद्योगिक माल ढुलाई में भारी वृद्धि होगी। गोंदिया-डोंगरगढ़ मार्ग का लाभ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ-साथ विदर्भ के कई क्षेत्रों को मिलेगा।
बता दें कि पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार की गई इन परियोजनाओं का मकसद देश में बेहतर कनेक्टिविटी और सामान ढोने की व्यवस्था को आसान बनाना है। यह काम सभी संबंधित विभागों की साझा योजना और सलाह से किया जा रहा है। रेल मार्गों पर भीड़ कम करने और संचालन सुचारू रखने के लिए मल्टी-ट्रैकिंग की योजना लाई गई है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में बनने वाली इन चार परियोजनाओं से रेलवे नेटवर्क में करीब 894 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी। इस परियोजना से लगभग 3,633 गांवों तक संपर्क बढ़ेगा, जिनकी कुल आबादी करीब 85.84 लाख है।