Success Story : सुजाता मडके अपने जिले से इसरो में चयनित होने वाली पहली महिला हैं। इसलिए इलाके के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं और परिवार भी जश्न में सराबोर है।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक साधारण किसान परिवार की बेटी ने असाधारण उपलब्धि हासिल कर पूरे देश को गर्व से भर दिया है। शहापुर तहसील के शिरगांव गांव की रहने वाली सुजाता रामचंद्र मडके अब देश की अग्रणी अंतरिक्ष संस्था इसरो (ISRO) में वैज्ञानिक बन गई हैं। वह ठाणे जिले से इसरो में चुनी जाने वाली पहली महिला हैं।
सुजाता की शुरुआती शिक्षा गांव के जिला परिषद स्कूल से हुई। स्कूली दिनों से ही वह अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने का सपना देखती थीं। उन्होंने शहापुर से हाईस्कूल, फिर बारहवीं की पढ़ाई पूरी की। मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद सुजाता ने महाराष्ट्र परिवहन विभाग की परीक्षा पास की और ठाणे आरटीओ कार्यालय में सहायक मोटर वाहन निरीक्षक बन गईं।
लेकिन सुजाता का सपना कुछ और था। दो साल तक आरटीओ में नौकरी करते हुए भी उन्होंने इसरो की कठिन चयन प्रक्रिया की तैयारी जारी रखी और अंततः अपने सपने को हकीकत में बदल दिया। सुजाता ने बताया कि इस पूरे सफर में उन्हें अपने शिक्षकों, भाई और माता-पिता समेत सभी का पूरा सहयोग मिला।
सुजाता के पिता रामचंद्र मडके किसान हैं। बेटी के इसरों में वैज्ञानिक बनने के बाद उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। परिवार में जश्न का माहौल है, और गांव वाले सुजाता को एक प्रेरणा के रूप में देख रहे हैं। सुजाता ने यह साबित कर दिया कि अगर जुनून हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
रामचंद्र मडके ने कहा, “मेरी बेटी का इसरो में वैज्ञानिक के तौर पर चयन होना पूरे परिवार और गांव के लिए गर्व की बात है। पूरे क्षेत्र में ये चर्चा का विषय बन चुका है। गांव समाज में जिस तरह चर्चाएं हो रही हैं, उससे खुशी है।”