Goregaon-Mulund Link Road Update: जीएमएलआर परियोजना के तहत लगभग 12.20 किलोमीटर का मार्ग बनाया जा रहा है, जिसमें 4.70 किमी की दो भूमिगत सुरंगें भी शामिल हैं।
Goregaon-Mulund Link Road (GMLR): मुंबई में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। इस वजह से शहरवासियों को कुछ इलाकों में बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ता है। व्यस्त समय के दौरान तो मिनटों में तय होने वाली दूरी भी घंटेभर का समय लेती है। इससे निजात दिलाने के लिए सरकार मेट्रो और ब्रिजों का जाल बिछा रही है। इसी क्रम में गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड (GMLR) परियोजना तेजी से आकार ले रही है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत करीब 12.20 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाया जा रहा है, जिसमें 4.70 किलोमीटर के दो समानांतर भूमिगत सुरंगें (ट्विन टनल) भी बनाई जाएंगी। इन ट्विन टनलों के जरिए पश्चिम उपनगर के गोरेगांव स्थित दादासाहेब फालके फिल्मसिटी से सीधे पूर्व उपनगर के मुलुंड के खिंडीपाड़ा इलाके तक कनेक्टिविटी मिलेगी। यह टनल गोरेगांव फिल्म सिटी में हबालेपाड़ा से शुरू होगी।
अधिकारियों के मुताबिक, इस टनल (सुरंग) के निर्माण के लिए ऑस्ट्रेलिया से मंगाई गई दो विशाल टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) में से पहली मशीन के हिस्से मुंबई पहुंच चुके हैं। यह मशीन करीब चार मंजिला ऊंची है। इसे जोड़ने और तकनीकी परीक्षण करने में 4 से 5 महीने का समय लगेगा। दूसरी टीबीएम मशीन के हिस्से नवंबर तक आने की उम्मीद है।
सबसे अहम बात यह है कि यह दोनों सुरंग संजय गांधी नेशनल पार्क के पहाड़ों-जंगलों के नीचे से होकर गुजरेगा। इस भूमिगत सुरंग तक पहुंचने के लिए चित्रनगरी इलाके में एक बॉक्स सुरंग का भी निर्माण किया जाएगा। ताकि टनल तक पहुंच आसान हो सके। पर्यावरण और सुरक्षा दोनों का ध्यान रखते हुए काम पूरी तरह अत्याधुनिक तकनीक से किया जा रहा है।
वर्तमान में जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड (JVLR) से मुलुंड, ठाणे पहुंचने में यात्रियों को करीब डेढ़ घंटे तक का समय लग जाता हैं। लेकिन नए लिंक रोड बनने के बाद यही सफर सिर्फ 15-20 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इससे न सिर्फ समय बल्कि ईंधन की भी बड़ी बचत होगी।
हालांकि इस प्रोजेक्ट का खर्च बढ़ गया है क्योंकि सुरंग की दिशा में बदलाव करना पड़ा। बताया जा रहा है कि फिल्मसिटी क्षेत्र में कुछ स्थानीय निवासियों ने अपने घर और दुकानों को छोड़ने से इनकार कर दिया, जिसकी वजह से सुरंग का प्रवेश बिंदु करीब 600 मीटर आगे खिसकाना पड़ा।
इस बीच, बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि अगले साल बारिश शुरू होने से पहले टीबीएम से टनल खुदाई का काम शुरू करने की योजना है। हालांकि लक्ष्य अगस्त 2026 से कार्य आरंभ करने का है।