मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि महाराष्ट्र के कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के क्षेत्रों में 17 से 21 अक्टूबर तक, जबकि मराठवाड़ा में 21 अक्टूबर को बिजली के साथ तूफानी बारिश की संभावना है।
पूरे देश से दक्षिण-पश्चिम मानसून भले ही विदा हो चुका हो, लेकिन देश के कई हिस्सों में मौसम एक बार फिर करवट ले रहा है। अनुकूल परिस्थितियों के चलते महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, अगले 7 दिनों के दौरान केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। वहीँ, महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और बिजली कड़कने की भविष्यवाणी की गई है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि महाराष्ट्र के कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के क्षेत्रों में 17 से 21 अक्टूबर तक, जबकि मराठवाड़ा में 21 अक्टूबर को बिजली के साथ तूफानी बारिश की संभावना है।
मौसम विभाग ने 18 अक्टूबर को सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और सातारा जिलों में बिजली कड़कने और तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश का अलर्ट जारी किया है। जबकि मुंबई और उसके उपनगरों में शनिवार को आसमान ज्यादातर बादलों से घिरा रहेगा। शाम और रात के समय आंधी-बारिश की अधिक संभावना है। दक्षिण कोकण के सिंधुदुर्ग जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि रायगढ़ और रत्नागिरी में भी बारिश की संभावना जताई गई है।
पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सातारा जिलों में भी येलो अलर्ट घोषित किया गया है। मौसम विभाग ने बताया कि सांगली, सोलापुर और पुणे जिलों में बादलों की गड़गड़ाहट और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के बीच हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
आईएमडी की ओर से उत्तर महाराष्ट्र के किसी भी जिले में फिलहाल अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन नासिक, अहमदनगर और आसपास हिस्सों में गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना बनी हुई है। वहीं, धुले, नंदुरबार और जलगांव में आसमान साफ और मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
मराठवाड़ा के बीड, धाराशिव और लातूर जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है, जबकि परभणी, जालना, छत्रपति संभाजीनगर, हिंगोली और नांदेड़ में मौसम आमतौर पर साफ रहेगा। विदर्भ के सभी 11 जिलों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। यहां आसमान साफ और धूप खिली रहेगी। इससे लोगों को उमसभारी गर्मी का अहसास होगा।
मौसम विभाग के अनुसार, यह स्थिति 21 अक्टूबर तक बनी रह सकती है। 19 और 20 अक्टूबर को कोकण और पश्चिम महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है, जबकि 21 अक्टूबर को मराठवाड़ा के परभणी, हिंगोली और नांदेड़ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर निचले और मध्य क्षोभमंडलीय स्तरों पर एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुक रहा है। इसके प्रभाव से 18 अक्टूबर के आसपास केरल-कर्नाटक तटों से दूर दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके बाद, इसके पश्चिम से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 48 घंटों के दौरान एक अवदाब में तीव्र होने की संभावना है।
दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर बने ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण से निचले क्षोभमंडलीय स्तरों में दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक एक द्रोणिका रेखा बनी हुई है। इसके अतिरिक्त, निचले क्षोभमंडलीय स्तरों में उत्तरी झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इन प्रणालियों के प्रभाव से देश के कई हिस्सों में मानसून के लौटने के बाद भी झमाझम बारिश हो रही है।