
जालना नगर परिषद को हाल ही में नगर निगम (महानगरपालिका) बनाया गया। अब इसी नगर निगम में भ्रष्टाचार की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जालना शहर महानगरपालिका के आयुक्त संतोष खांडेकर को एसीबी (भ्रष्टाचार विरोधी विभाग) ने 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार, जालना महानगरपालिका क्षेत्र में किए गए कामों के बिल पास करने के लिए खांडेकर ने एक ठेकेदार से कथित तौर पर 20 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इसमें डीपी रोड, सीमेंट कॉन्क्रीट रोड निर्माण और मनपा भवन के तीसरे मंजिल के कार्यों से जुड़े बिल शामिल थे। इसकी शिकायत ठेकेदार ने एसीबी से की, जिसके बाद एसीबी ने जाल बिछाकर जालना महानगरपालिका के आयुक्त संतोष खांडेकर को पैसों के साथ पकड़ लिया।
जालना शहर में स्थित खांडेकर के सरकारी निवास पर गुरुवार रात 7 बजे के करीब एसीबी ने बड़ी कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान जब खांडेकर ने 10 लाख रुपये की नकद रिश्वत स्वीकार की, तभी एसीबी की टीम ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया। देर रात तक जालना और संभाजीनगर एसीबी की टीम उनके घर की तलाशी लेती रही।
इस कार्रवाई के बाद शहर में हलचल मच गई। कुछ ठेकेदारों ने तो एसीबी कार्यालय के बाहर दिवाली से पहले ही पटाखे फोड़कर इस कार्रवाई का स्वागत किया।
संतोष खांडेकर मूल रूप से सोलापुर जिले के सांगोला के निवासी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पुलिस उपनिरीक्षक (PSI) के रूप में यवतमाल और अमरावती जिलों में की थी। बाद में एमपीएससी परीक्षा (MPSC) पास कर वे राज्य सरकार में ग्रेड-2 अधिकारी के रूप में शामिल हुए। 2022 में वे जालना नगर परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त हुए।
9 मई 2023 को जब जालना नगर परिषद को महानगरपालिका का दर्जा दिया गया, तब संतोष खांडेकर को उसका पहला आयुक्त बनाया गया। वे वर्तमान में महानगरपालिका के प्रशासकीय पद पर कार्यरत थे।
अधिकारियों का कहना है कि खांडेकर से पूछताछ के दौरान चौंकाने वाली जानकारी सामने आएगी। इस बीच, एसीबी की इस कार्रवाई से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है और दिवाली से पहले जालना की यह घटना चर्चा का बड़ा विषय बन गई है।
Updated on:
17 Oct 2025 01:45 pm
Published on:
17 Oct 2025 01:36 pm
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