Lalbaugcha Raja 2025 Visarjan : मुंबई के सबसे लोकप्रिय और श्रद्धेय गणपति 'लालबागचा राजा' का विसर्जन कुछ देर में होने की उम्मीद है। इस वर्ष उनके पंडाल को भगवान तिरुपति बालाजी की थीम पर सजाया गया था। यह लालबागचा राजा का 92वां वर्ष है।
मुंबई में प्रसिद्ध गणेश पंडाल 'लालबागचा राजा' यानी 'लालबाग के राजा' का विसर्जन इस बार समुद्र की उफान भरी लहरों के कारण अभी तक नहीं हो पाया है। रविवार सुबह करीब आठ बजे गिरगांव चौपाटी पर पहुंची बप्पा की विशाल प्रतिमा रविवार दोपहर तीन बजे तक समुद्र में ही अटकी हुई है। इस वर्ष लालबागचा राजा के विसर्जन के लिए एक विशेष स्वचालित बेड़ा तैयार किया गया था। लालबागचा राजा के विसर्जन के लिए उद्योगपति अनंत अंबानी भी मौजूद थे।
शनिवार सुबह करीब 10 बजे लालबाग मंडप से निकली इस शोभायात्रा को गिरगांव चौपाटी तक पहुंचने में लगभग 20 घंटे लगे। भक्तों की भारी भीड़ और भव्य शोभायात्रा के बीच रविवार सुबह 'लालबागचा राजा' मूर्ति गिरगांव चौपाटी पहुंची। सभी को उम्मीद थी कि डेढ़-दो घंटे में आरती के बाद सुबह 11 बजे तक विसर्जन संपन्न होगा।
लेकिन जैसे ही लालबाग के राजा की मूर्ति समुद्र किनारे पहुंची, उसी समय समुद्र में हाई-टाइड (High Tide) की वजह से जलस्तर बढ़ने लगा और लहरे तेज होती गईं। जिसके चलते विसर्जन टाल दिया गया। मंडल की ओर से विसर्जन के लिए खास ऑटोमेटिक फ्लोट तैयार किया गया था, लेकिन ऊंची लहरों के बीच इसका इस्तेमाल जोखिम भरा साबित हो सकता था। इसके चलते मूर्ति को समुद्र में थोड़ा अंदर ले जाकर रोक दिया गया। इस दौरान मूर्ति का आधा हिस्सा पानी में डूबा हुआ दिखाई दिया।
सुबह से ही गिरगांव चौपाटी पर हजारों लोगों की भीड़ मौजूद है। ज्वार कम होने के बाद, लालबागचा राजा की मूर्ति को फ्लोट पर रखा जाएगा। तीन बजे के बाद जलस्तर कम होना शुरू हो जाएगा। लालबागचा राजा के विसर्जन में अभी डेढ़ से दो घंटे और लगने की उम्मीद है।
मंडल ने साफ किया है कि समुद्र की लहरें शांत होने और पानी उतरने के बाद ही प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। इस बीच अन्य मंडलों की प्रतिमाओं का विसर्जन जारी है और भक्त लालबाग के राजा के अंतिम दर्शन के लिए चौपाटी पर डटे हुए हैं।