Nagpur Leopard Attack: महाराष्ट्र के नागपुर में उस समय अफरातफरी मच गई, जब एक तेंदुआ घनी आबादी वाले इलाके में घुस आया। तेंदुए ने सात लोगों को घायल कर दिया। इनमें एक की हालत गंभीर है।
महाराष्ट्र के नागपुर जिले में बुधवार सुबह उस समय अफरातफरी मच गई, जब एक तेंदुआ पारडी के घनी आबादी वाले शिव नगर इलाके में घुस आया। भागने की कोशिश में इस खूंखार जानवर ने सात लोगों पर हमला कर दिया। इनमें एक की हालत गंभीर है और उसे आईसीयू में भर्ती किया गया है।
वन विभाग के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर (TTC) के अधिकारियों ने कई घंटों के चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन के बाद तेंदुए को सफलतापूर्वक पकड़ लिया। वरिष्ठ वन अधिकारी के अनुसार, TTC टीम को सुबह करीब 6:15 बजे तेंदुएं के हमले की सूचना मिली। संदेह है कि तेंदुआ रात के समय इलाके में दाखिल हुआ और सूरज उगने के बाद भागने की कोशिश में उसने कई लोगों पर हमला कर दिया।
एक घायल व्यक्ति ने आपबीती सुनाते हुए कहा, "मैं बालकनी पर खड़ा था, जब तेंदुआ पीछे से आया और हमला करने लगा...वह बिस्तर पर बैठकर, मेरी बेटी को देख रहा था, हमला करने के लिए तैयार था... जब मैंने उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने मुझ पर हमला किया। यह घटना सुबह 6:30 बजे हुई।"
बाद में तेंदुआ एक घर के पास रखे कूलर के पास की संकरी जगह में छिप गया। संकरी जगह और कम दृश्यता के कारण तेंदुए को बेहोश करना मुश्किल साबित हुआ। टीम को दो डार्ट फायर करने पड़े।
अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तेंदुए ने TTC टीम के सदस्यों पर भी हमला किया, जिसमें तीन कर्मी मामूली घायल हुए। ऑपरेशन की कठिनाइयां यहीं खत्म नहीं हुईं, बेहोश तेंदुए को ले जा रहा वाहन रास्ते में खराब हो गया, जिसके बाद अधिकारियों को दूसरे वाहन का इंतजाम करना पड़ा। तेंदुए को अब आगे के इलाज और निगरानी के लिए ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर में रखा गया है।
राज्य के वनमंत्री गणेश नाइक ने अस्पताल जाकर घायल निवासियों से मुलाकात की और मीडिया को बताया कि सभी खतरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे हमले नहीं होंगे। हमारा प्रयास है कि तेंदुओं को जंगल तक ही सीमित रखा जाए।" उन्होंने यह भी कहा कि पूरे महाराष्ट्र में तेंदुए के हमलों में वृद्धि हुई है और सरकार इसे रोकने के लिए काम कर रही है।
एक दिन पहले, नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान मंत्री नाइक ने तेंदुए के हमलों को रोकने की योजना की घोषणा की थी। इसके तहत, तेंदुओं को शिकार की तलाश में मानव बस्तियों में आने से रोकने के लिए वन क्षेत्रों में बकरियां छोड़ी जाएंगी। तेंदुओं के नसबंदी (Sterilisation) की भी योजना बनाई गई है।