Maharashtra Local Body Elections Results 2025 Update: महाराष्ट्र में 286 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्ष और सदस्यों के पदों के चुनाव के लिए मतगणना चल रही है। अब तक के रुझानों में भाजपा 100 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। राज्य की 288 स्थानीय निकायों (246 नगर परिषद और 42 नगर पंचायत) के लिए हो रही मतगणना के शुरुआती रुझानों में सत्तारूढ़ महायुति का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। विधानसभा चुनावों की तरह ही निकाय चुनावों में भी भाजपा का जादू चला है और रुझानों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, महायुति (Mahayuti) ने विपक्षी महाविकास आघाडी गठबंधन (MVA) पर भारी बढ़त बना ली है। महायुति 200 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है, जबकि महाविकास अघाडी (MVA) 50 सीटों से अधिक पर आगे दिख रही है।
ताजा रुझानों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) 125 सीटों पर बढ़त के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जबकि शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) 59 सीटों पर आगे। वहीं, एनसीपी (अजित पवार गुट) 33 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
एमवीए में शामिल कांग्रेस ने 34 सीटों पर बढ़त हासिल की है। हालांकि, रुझानों में उद्धव ठाकरे और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का प्रदर्शन निराशाजनक दिख रहा हैं। शिवसेना (UBT) 8 सीटों पर और एनसीपी (शरद पवार गुट) 7 सीटों पर आगे है।
नगर पंचायतों की 42 सीटों के रुझान और भी चौंकाने वाले हैं। यहां भाजपा की रणनीतिक जीत साफ तौर पर दिखाई दे रही है। और भाजपा 24 सीटों पर लीड के साथ नंबर-1 पर है, दूसरी ओर शरद पवार गुट अभी तक खाता भी नहीं खोल सकी है। अजित पवार गुट 3 और शिंदे गुट 5 सीटों पर आगे हैं। जबकि कांग्रेस 4 और ठाकरे गुट को केवल 1 सीट पर बढ़त मिली है। राज ठाकरे की मनसे (MNS) और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) भी अभी तक रुझानों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में विफल रही हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा की इस जीत के पीछे चुनाव की सटीक प्लानिंग और 'बूथ स्तर' की तैयारी है। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कार्यकर्ताओं में जो जोश था, उसका सीधा असर इन नतीजों में दिख रहा है।
बता दें कि धुले जिले की दोंडाईचा नगर परिषद और सोलापुर की अंगार नगर पंचायत में अध्यक्ष व सदस्य पदों के चुनाव निर्विरोध संपन्न हो चुके हैं। वहीं जामनेर नगर परिषद में भी अध्यक्ष पद के लिए कोई प्रतिद्वंद्वी मैदान में नहीं था, जिसके चलते वहां चुनाव बिना मुकाबले के ही पूरा हो गया।
इन स्थानीय निकाय चुनावों में कई जगह सत्ताधारी गठबंधन के घटक दल, यानी भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इसी वजह से यह चुनावी लड़ाई कई जगह बहुकोणीय और दिलचस्प बन गई है।