Leopard Attack: नागपुर में आज सुबह तब अफरातफरी मच गई, जब एक तेंदुआ घनी आबादी वाले इलाके में घुस आया। तेंदुए ने सात लोगों को घायल कर दिया। इनमें एक की हालत गंभीर है।
महाराष्ट्र में हाल के दिनों में तेंदुओं के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। आज ही नागपुर में तेंदुए ने सात लोगों को घायल कर दिया। इसी बीच एक अनोखा दृश्य महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर देखने को मिला, जब जुन्नर के विधायक शरद सोनावणे तेंदुए की तरह वेश-भूषा पहनकर पहुंचे। सिर से पांव तक तेंदुए की प्रिंट वाली पोशाक पहने हुए उन्हें देखकर कुछ देर के लिए हर कोई हैरान रह गया।
इस गेटअप के पीछे का मकसद विधायक शरद सोनावणे ने खुद समझाया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह तेंदुओं के बढ़ते हमलों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए तेंदुए के प्रिंट वाले कपड़े पहनकर विधानसभा आए हैं।
उधर, महाराष्ट्र में बढ़ते तेंदुओं के हमलों को रोकने के लिए राज्य के वनमंत्री गणेश नाइक ने एक अलग तरह का समाधान पेश किया है। महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र (नागपुर) में मंगलवार को नाइक ने कहा कि तेंदुओं को मानव बस्तियों में घुसने से रोकने के लिए जंगलों में 1 करोड़ रुपये की बकरियां छोड़ी जाएंगी, ताकि उन्हें शिकार के लिए गांवों में आने से रोका जा सके।
विधानसभा में नाइक ने बताया कि अगर तेंदुए के हमलों में चार लोगों की मौत होती है तो सरकार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देना पड़ता है। इसलिए, उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मुआवजा देने से बेहतर है कि उतनी ही राशि की बकरियां जंगल में छोड़कर तेंदुओं के लिए शिकार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि समय के साथ तेंदुओं के रहने का तरीका बदल गया है। पहले वे मुख्य रूप से जंगलों में रहते थे, लेकिन अब गन्ने के खेत उनका नया ठिकाना बन गए हैं। तेंदुए और अन्य जंगली जानवर भोजन की तलाश में अक्सर गांवों की तरफ आने लगे हैं। इसी वजह से पुणे, नासिक और अहिल्यानगर जिलों में तेंदुओं के हमलों के मामले तेजी से बढ़ें है।
वन मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि तेंदुओं को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 से हटाकर अनुसूची-2 में रखा जाए।
पुणे जिले के जुन्नर क्षेत्र के निर्दलीय विधायक शरद सोनवणे ने बताया कि उनके क्षेत्र में तेंदुओं के हमलों से अब तक 55 मौतें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जुन्नर के मौजूदा रेस्क्यू सेंटर की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए ताकि अधिक तेंदुओं को पकड़ा और सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया जा सके।
इस पर वन मंत्री ने कहा कि जुन्नर रेस्क्यू सेंटर की क्षमता जल्द ही बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा अहिल्यानगर में एक नया रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की भी योजना है।