Maharashtra Mukhyamantri Meri Ladli Behen Scheme Ajit Pawar NCP vs Shiv Sena Eknath Shinde : महाराष्ट्र सरकार 1 जुलाई से लाडकी बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
Maharashtra Ladli Behna Yojana : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना के दूसरे चरण का आगाज हो चुका है। पहले चरण में 1.7 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में पैसे जमा किये गए। राज्य सरकार ने लाडकी बहिन योजना का दायरा बढ़ाकर 2.5 करोड़ महिलाओं को इसमें शामिल करने का ऐलान किया है। इस बीच सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन के घटक- बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी चंद महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इस योजना का बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं। हालांकि इसको लेकर अब महायुति में खींचतान भी शुरू हो गई है।
हाल के कुछ बयानों से साफ है कि महायुति में मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना को लेकर मतभेद है। शिवसेना और बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि अजित पवार अकेले ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ योजना का श्रेय ले रहे है।
शिवसेना ने ‘लाडकी बहिन योजना’ के विज्ञापनों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम हटाए जाने को लेकर सहयोगी एनसीपी और उसके मुखिया अजित पवार की आलोचना की है। महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी पार्टी यह मुद्दा सहयोगी दलों के समक्ष उठाएगी।
सीएम शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता देसाई ने कहा, उनके (पवार के) जनसंपर्क कार्यक्रमों के दौरान योजना के पूरे नाम का इस्तेमाल नहीं करना प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘योजना के नाम में ‘मुख्यमंत्री’ शब्द भी जुड़ा है और योजना के नाम से इसे हटाना ठीक नहीं है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। यह राज्य सरकार की योजना है और उन्हें (अजित पवार को) हर किसी को साथ लेकर चलना चाहिए... हम इस संबंध में सीएम और डिप्टी सीएम से बात करेंगे...’’
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को देखते हुए अजित पवार ने पिछले महीने ‘जन सम्मान यात्रा’ नाम से अपनी पार्टी का जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया। महाराष्ट्र में नवंबर में चुनाव होने की संभावना है। पवार राज्य के वित्त मंत्री भी हैं। पवार अपने हर कार्यक्रम में ‘लाडकी बहिन’ योजना का जिक्र कर रहे है और महिला वोटरों को अपने पक्ष में कर रहे है।
बताया जा रहा है कि एनसीपी के ‘जन सम्मान यात्रा’ के दौरान इस्तेमाल किए जा रहे विज्ञापनों व अन्य प्रचार सामग्रियों में योजना के नाम का जिक्र सिर्फ ‘माझी लाडकी बहिन’ के रूप में किया जा रहा है। यहां तक कि अजित दादा की पार्टी ने दो वीडियो भी जारी किया और इसमें भी योजना के लिए लाभार्थियों को अजित पवार को शुक्रिया अदा करते हुए दिखाया गया।
पिछले महीने जब एनसीपी प्रमुख अजित पवार पुणे के जुन्नर में जन सम्मान यात्रा के लिए गए थे तो स्थानीय बीजेपी नेताओं ने उनका खूब विरोध किया था। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को काले झंडे दिखाए और जोरदार नारेबाजी की। बीजेपी की पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रही थीं। जुन्नर विधानसभा क्षेत्र की बीजेपी प्रमुख आशा बुचके ने खुद काली साड़ी पहनी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अजित पवार गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे है और अपने सहयोगी दलों के नेताओं की अनदेखी कर रहे है।
महायुति में लाडकी बहिन योजना को लेकर मचे घमासान पर शरद पवार नीत एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ''यह योजना लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद शुरू की गई...उन्होंने भाई-बहन के बंधन को 1500 रुपये का बांड बना दिया...देवेंद्र फडणवीस इस योजना का विज्ञापन करने के लिए एसओपी बनाएंगे...यह प्यार और विश्वास का बंधन नहीं है...उन्हें (महिलाओं को) पैसे की नहीं प्यार की जरूरत है...उन्हें (महायुति को) प्यार और बिजनेस के बीच का अंतर नहीं पता है।''