Maharashtra Politics: शिवाजी सावंत शिवसेना के विधायक और पूर्व मंत्री तानाजी सावंत के भाई हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक स्थानीय निकाय चुनाव का बिगुल बज सकता है। इससे पहले सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास आघाड़ी गठबंधन के घटक दलों ने अपनी-अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी बीच दल-बदल की राजनीति भी तेज हो गई है। कई नेता अपने राजनीतिक समीकरणों के आधार पर एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जा रहे हैं। इस बीच शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट को बड़ा झटका लगा है। शिंदे सेना के जिला संपर्क प्रमुख शिवाजी सावंत अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।
शिवाजी सावंत शिंदे गुट के विधायक और पूर्व मंत्री तानाजी सावंत के भाई हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी से नाराज होकर उन्होंने कुछ दिन पहले अपने पद से इस्तीफा दिया और अब भाजपा जॉइन करने का फैसला लिया है।
जानकारी के मुताबिक, अगले दो दिनों में शिवाजी सावंत औपचारिक रूप से अपने समर्थकों के साथ भाजपा में प्रवेश करेंगे। खबर है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस रविवार को सोलापुर दौरे पर थे, उसी दौरान शिवाजी सावंत ने उनसे गुप्त मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ही उन्होंने भाजपा में शामिल होने की घोषणा की। दो दिन बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता फडणवीस की मौजूदगी में शिवाजी सावंत, पूर्व उपमहापौर दिलीप कोल्हे, शिवसेना पदाधिकारी, युवासेना और महिला विंग के कई पदाधिकारी भाजपा में शामिल होंगे।
सोलापुर जिले में शिंदे गुट को आंतरिक गुटबाजी का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस दल-बदल के बाद सोलापुर महानगरपालिका, पंचायत समिति और जिला परिषद चुनावों में भाजपा की ताकत और बढ़ेगी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना शिंदे गुट के जिला प्रमुख अमोल शिंदे ने कहा कि यह शिवाजी सावंत और उनके साथियों का व्यक्तिगत निर्णय है। हालांकि सोलापुर जिले में इसे एकनाथ शिंदे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जिले में शिंदे सेना की स्थिती पहले से ही बहुत मजबूत नहीं है।
गौरतलब है कि शिवसेना में बगावत के दौरान तानाजी सावंत ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। जब शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे 2022 में राज्य के सीएम बने थे तो उन्हें भी मंत्री बनाया गया था, लेकिन फडणवीस सरकार में उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली, इस पर उन्होंने कई बार अपनी नाराजगी भी जाहिर की है।