Mumbai Elderly Woman Fraud : ठगी की शिकार 72 वर्षीय महिला को 18 अगस्त को एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया और उसने खुद को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताकर 1.25 करोड़ रुपये ऐंठे।
मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने 72 वर्षीय महिला से 1.25 करोड़ रुपये ठगने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने जलगांव से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने अपने बैंक खातों का इस्तेमाल विदेश में बैठे जालसाजों को बुजुर्ग महिला के साथ धोखाधड़ी करने के लिए करने दिया था।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोहित सोनार और हितेश पाटिल के तौर पर हुई है। दोनों ने साइबर अपराधियों की मदद करते हुए ठगी के पैसों को देश से बाहर भेजा और उसके बदले कमीशन लिया।
यह घटना 18 अगस्त की है, जब मुंबई में रहने वाली बुजुर्ग महिला को एक अज्ञात कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस उपायुक्त संजय अरोड़ा बताया और महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया और ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया।
ठगों ने फोन पर धमकी दी गई कि अगर वह तुरंत पैसे नहीं देगी तो उसे गंभीर अंजाम भुगतना पड़ेगा। डर और घबराहट में बुजुर्ग ने जालसाजों के बताए अनुसार अलग-अलग बैंक खातों में करीब 1.25 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उन्हें शक हुआ तो उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।
जांच में पता चला कि भेजी गई रकम का एक हिस्सा रोहित सोनार के खाते में जमा हुआ था, जबकि हितेश पाटिल ने अपने बैंक खाते की जानकारी विदेश में बैठे जालसाजों को दी थी। पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपियों ने पैसों की हेराफेरी के बदले कमीशन लिया था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इस ठगी के पूरे गिरोह की तलाश की जा रही है।
अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें और किसी भी हालत में पैसे ट्रांसफर न करें। कोई भी जांच एजेंसी कभी किसी को ‘डिजिटल अरेस्ट’ नहीं करती। कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी आरोपी को 'डिजिटल रूप से गिरफ्तार' करने की अनुमति देता हो।