Nashik Vadhavan Expressway : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 30 अगस्त को पालघर में लगभग 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली देश की सबसे बड़ी वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी थी।
महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने नासिक (इगतपुरी)-वधावन एक्सप्रेसवे और फ्रेट कॉरिडोर हाईवे परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से नासिक जिला सीधे पालघर स्थित वधावन पोर्ट से जुड़ जाएगा। वधावन पोर्ट को पालघर जिले के वधावन में बनाया जा रहा है, जो सभी मौसमों में संचालित होगा। इस परियोजना की कुल लागत 76,220 करोड़ रुपये है। वधावन पोर्ट में नौ कंटेनर टर्मिनल होंगे।
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (MSRDC) इस परियोजना को कार्यान्वित करेगा। इसमें वधावन पोर्ट (तावा) (Vadhavan Port Tawa) से लेकर समृद्धि महामार्ग (Samruddhi Mahamarg) पर भरवीर इंटरचेंज (Bharveer interchange) तक लगभग 104.90 किलोमीटर लंबा माल ढुलाई गलियारा कॉरिडोर बनाया जाएगा।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 5 अगस्त 2025 को इस प्रोजेक्ट के लिए 2,528.90 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी दी गई। इसमें से 1,500 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए और 1,028.90 करोड़ रुपये ब्याज की संभावित लागत के लिए तय किए गए हैं। सरकार ने इस परियोजना के लिए हडको (HUDCO) से लिया जाने वाले कर्ज की गारंटी भी देने का फैसला किया है।
इस परियोजना की मांग राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने की थी। उन्होंने इस साल मार्च और अप्रैल में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर इस एक्सप्रेसवे और प्रस्तावित नासिक-वधावन रेलवे लाइन का संयुक्त नियोजन करने की सिफारिश की थी। उनका कहना था कि ऐसा करने से खर्च में बचत होगी और दोनों परियोजनाओं से अधिकतम लाभ मिलेगा। जिसके बाद राज्य सरकार ने उनकी मांग को मानते हुए फ्रेट कॉरिडोर को मंजूरी दी और समय पर पूरा करने का आश्वासन दिया।
इस फैसले से नासिक, मराठवाड़ा, विदर्भ और राज्य के अन्य आंतरिक हिस्सों से होने वाले औद्योगिक और कृषि उत्पादन को सीधी अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच मिलेगी। वधावन बंदरगाह देश के सबसे गहरे और आधुनिक सागर टर्मिनलों में से एक होगा, जो ‘आईएमईईसी’ (IMEEC) और ‘आईएनएसटीसी’ (INSTC) जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों से सीधा जुड़ेगा। इससे न केवल परिवहन खर्च कम होगा बल्कि माल ढुलाई की गति भी बढ़ेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना से नासिक एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में उभरेगा। वधावन बंदरगाह से सीधी कनेक्टिविटी मिलने पर नासिक का औद्योगिक स्वरूप बदलेगा और यह शहर भविष्य के निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनकर उभरेगा।