Man Eating Leopard Shot Dead: पुणे जिले में शूटरों की टीम ने आदमखोर तेंदुए को ढेर कर दिया है। वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
Pune Leopard Attack: महाराष्ट्र के पुणे जिले के शिरूर तालुका के पिंपरखेड में बीते कई दिनों से दहशत मचाने वाले आदमखोर तेंदुए को आखिरकार वन विभाग ने मार गिराया है। ड्रोन की मदद से रात में तेंदुए का पता लगाया गया था। जब टीम ने उसे बेहोश करने के लिए डार्ट फायर किया, तो वह निशाना चूक गया। इसके बाद तेंदुए ने वनकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की। स्थिति बेकाबू होते देख मौके पर मौजूद दो शार्पशूटर्स ने तीन राउंड फायर किए, जिससे 6 साल का नर तेंदुआ मौके पर ही ढेर हो गया।
वन विभाग के अनुसार, यह वही तेंदुआ था जिसने मौजे पिंपरखेड क्षेत्र में तीन लोगों की जान ली थी। तेंदुए के पैरों के निशान और उसके नमूनों से इसकी पुष्टि हुई है। पीड़ितों में दो बच्चे और एक बुजुर्ग महिला शामिल थीं।
जुन्नार वन प्रभाग के अधिकारी ने बताया कि आदमखोर तेंदुए को मंगलवार रात 13 वर्षीय बच्चे पर हमले वाली जगह से करीब 400 मीटर की दूरी पर देखा गया। जिसके बाद उसे बेहोश करने का प्रयास किया गया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद तेंदुआ आक्रामक हो गया और हमला करने के लिए वन विभाग की टीम की ओर बढ़ा, जिसके बाद शूटरों ने रात करीब 10.30 बजे उसे गोली मार दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह ग्रामीणों पर हमला करने वाला वही आदमखोर तेंदुआ था, इसकी पुष्टि उसके नमूनों और पैरों के निशानों से हुई है। पहला हमला 12 अक्टूबर को हुआ था, जब 5 वर्षीय शिवन्या शैलेश बोंबे की मौत हो गई थी। इसके बाद 22 अक्टूबर को 82 वर्षीय भागुबाई जाधव और फिर 1 नवंबर को 13 वर्षीय रोहन बोंबे पर भी इसी तेंदुए ने हमला कर उनकी जान ले ली। इन घटनाओं के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश था। लोग सड़कों पर उतर आए, कई जगहों पर प्रमुख मार्गों को जाम कर दिया गया और वन विभाग के वाहनों व बेस कैंप को आग के हवाले कर दिया गया। 3 नवंबर को तो ग्रामीणों ने पुणे-नासिक हाईवे करीब 18 घंटे तक रोक दिया था।
लगातार हो रहे हमलों और बढ़ते तनाव को देखते हुए वन विभाग ने तेंदुए को दिखते ही गोली मारने के आदेश दिए। रविवार रात ड्रोन निगरानी में जब वह पिंपरखेड के पास देखा गया, तो ऑपरेशन शुरू किया गया। लेकिन बेहोशी वाला डार्ट असफल होने के बाद तेंदुए ने वन विभाग की टीम पर हमला किया, तो दो शार्प शूटर्स ने जवाबी फायरिंग की और गोली लगने से तेंदुए की मौएक पर ही मौत हो गई।
बाद में तेंदुए का शव ग्रामीणों को दिखाया गया, जिसके बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए माणिकडोह तेंदुआ रेस्क्यू सेंटर भेजा गया। वन विभाग का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्षेत्र में निगरानी और सुरक्षा बढ़ाई जाएगी, ताकि इंसान और वन्यजीवों के बीच टकराव की स्थिति दोबारा न बने। उधर, अब आदमखोर तेंदुए के अंत के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।