मुंबई

‘मराठी में बोले राज्यपाल, महाराष्ट्र में निवेश नहीं आएगा तो चलेगा…’, भाषा विवाद पर उद्धव सेना का बड़ा बयान

Marathi Language Row : मुंबई में एक दिन पहले ही भाषा विवाद पर महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा था, मुझे खुद हिंदी नहीं आती और इस वजह से मेरे काम में बाधा आती है। सभी को अधिक से अधिक भाषाएं आनी चाहिए और अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए।

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Jul 23, 2025
शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Photo: IANS)

महाराष्ट्र में ‘मराठी बनाम हिंदी’ विवाद एक बार फिर राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। मुंबई के आगामी बीएमसी चुनावों (BMC Elections) को देखते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) जहां इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है, वहीं अब इस विवाद में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का बयान भी सुर्खियों में आ गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा) ने राज्यपाल राधाकृष्णन पर निशाना साधा है।

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भाषाई नफरत से दूर होंगे निवेशक- राज्यपाल

मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल राधाकृष्णन ने भाषाई नफरत को लेकर अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा था, “जब मैं तमिलनाडु से सांसद था, तब मैंने देखा कि कुछ लोग हिंदी बोलने वालों को पीट रहे थे। अगर हम इस तरह की नफरत फैलाएंगे, तो कौन आएगा और निवेश करेगा? हम महाराष्ट्र का दीर्घकालीन नुकसान कर रहे हैं। मुझे खुद हिंदी नहीं आती, यह मेरी कमजोरी है। इससे मेरे काम में रूकावट आती है। हमें ज्यादा से ज्यादा भाषाएं सीखनी चाहिए और अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए।”

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राज्यपाल राधाकृष्णन का यह बयान भले ही महाराष्ट्र में भाषा विवाद और सामाजिक समरसता के दृष्टिकोण से अहम है। लेकिन यह शिवसेना (UBT) को रास नहीं आया। राज्यपाल के बयान पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मराठी सिर्फ एक भाषा नहीं, हमारी संस्कृति है। राज्यपाल से हम कहना चाहते हैं कि कोई भी हिंसा का समर्थन नहीं करता, लेकिन हम आपसे यह पूछना चाहते हैं कि जब महाराष्ट्र से उद्योग गुजरात गए, उस पर आपने सवाल कभी क्यों नहीं उठाया? आप आप निष्पक्ष रहिये।”

दुबे ने आगे कहा, “हम आग्रह करते हैं कि राज्यपाल खुद मराठी भाषा सीखें, इसे मामले को विवादित न बनायें। महाराष्ट्र में मराठी नहीं बोली जाएगी तो क्या भूटान और बांग्लादेश में बोली जाएगी। अगली बार जब आप जनता को संबोधित करें, तो मराठी में भाषण दें, इससे जनता को लगेगा कि आप मराठी भाषा का सम्मान कर रहे हैं। हम निवेश को दूर रख सकते हैं, लेकिन मराठी अस्मिता से समझौता नहीं कर सकते।”  

मुंबई में हिंदी-मराठी विवाद

हाल के दिनों में मुंबई में मराठी भाषा को लेकर कुछ घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें गैर-मराठी भाषी लोगों के साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई। हाल ही में मुंबई की सेंट्रल लाइन की एक लोकल ट्रेन के लेडीज कोच में मराठी और हिंदी भाषा को लेकर महिला यात्रियों के बीच तीखी बहस हो गई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम को मामूली सीट विवाद से शुरू हुई बात भाषा विवाद में बदल गई।

इसके बाद मुंबई के घाटकोपर इलाके से ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में छोटा सा होटल चलाने वाली एक महिला और कुछ लोगों के बीच मराठी बनाम हिंदी को लेकर तीखी बहस देखी जा सकती है। आरोप है कि स्थानीय लोगों के समूह ने महिला पर मराठी में बात करने का दबाव बनाया। लेकिन महिला ने साफ इनकार करते हुए हिंदी में ही बातचीत करने की जिद की। बहस के दौरान महिला ने कहा, मराठी नहीं, हिंदी में बोलो। क्या तुम भारत से नहीं हो? घटना के बाद शिवसेना उबाठा की कुछ महिला कार्यकर्ता मौके पर पहुंची और महिला से जबरन माफी मंगवाई।

महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय और नगर निकाय चुनावों से पहले मराठी अस्मिता और भाषा के नाम पर राजनीति गरमाई हुई है। खासकर राज ठाकरे की मनसे (MNS) ने इस मुद्दे को आगामी बीएमसी चुनावों (BMC Election) से पहले प्रमुख एजेंडे में शामिल किया है, जिससे यह मामला और भी ज्यादा संवेदनशील हो गया है। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट कहा है कि मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है, लेकिन उसके नाम पर गुंडागर्दी करना, किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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Published on:
23 Jul 2025 08:26 pm
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