UPSC Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 कैडर आवंटन सूची जारी, महाराष्ट्र के 22 साल के शिवांश जागडे (IAS Shivansh Jagade) को यूपी कैडर मिला है।
IAS Shivansh Jagade: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2024 में सफल हुए उम्मीदवारों के लिए कैडर आवंटन सूची जारी कर दी है। इस सूची में देश के शीर्ष रैंकर्स के साथ-साथ महाराष्ट्र के पुणे से आने वाले 22 वर्षीय शिवांश जागडे को भी उनका कैडर आवंटित कर दिया गया है। इस वर्ष कुल 20 सफल उम्मीदवारों को उत्तर प्रदेश कैडर आवंटित किया गया है, जिनमें शिवांश जागडे (रैंक 26) भी शामिल हैं।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का विकल्प चुनने वाले सफल उम्मीदवारों के लिए कैडर आवंटन सूची जारी कर दी है। इस सूची के अनुसार, अखिल भारतीय रैंक (AIR) में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली शक्ति दुबे को उनका गृह राज्य उत्तर प्रदेश कैडर के रूप में आवंटित किया गया है। वहीं, हरियाणा की दूसरी रैंक प्राप्तकर्ता हर्षिता गोयल को मंत्रालय द्वारा गुजरात कैडर दिया गया है, जबकि महाराष्ट्र से तीसरे स्थान पर रहे डोंगरे अर्चित पराग को कर्नाटक कैडर प्राप्त हुआ है।
पुणे के रहने वाले 22 वर्षीय शिवांश जागडे ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 26वीं रैंक हासिल कर महाराष्ट्र में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
शिवांश मूल रूप से पुणे के वेल्हे तालुका के रूले गांव के निवासी हैं। उनके पिता जहां थोड़ी खेती करते हैं, वहीं उनके माता-पिता मिलकर पुणे के वडगांव में टेलरिंग का व्यवसाय करते हैं, जिसके चलते उनका परिवार वडगांव में ही बस गया।
शिवांश ने बताया कि 11वीं कक्षा में औरंगाबाद के सर्विसेज प्रिपरेटरी इंस्टीट्यूशन (SPI) में जाने के बाद ही उनमें अधिकारी बनने का बीज बोया गया। महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालित इस संस्थान में अनुशासन, देशप्रेम और सिविल सेवा की भावना पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई के लिए मिले पर्याप्त समय का उपयोग करते हुए शिवांश ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से गणित विषय में बीएससी की डिग्री पूरी की। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में भी वैकल्पिक विषय के रूप में गणित को ही चुना।
शिवांश ने मीडिया को बताया कि उन्होंने कोई अलग से क्लास नहीं लगाई और सेल्फ स्टडी पर जोर दिया। उन्होंने कहा, यूट्यूब और टेलीग्राम पर इतना वीडियो और स्टडी मटेरियल उपलब्ध था कि क्लास की ज़रूरत महसूस नहीं हुई। शिवांश ने खुद की रणनीति बनाई और रोजाना 14 से 16 घंटे तक पढ़ाई करते थे।
शिवांश मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित रूप से जिम जाते थे और राज्य स्तरीय फुटबॉल खेलने के कारण शारीरिक रूप से भी हमेशा सक्रिय रहे।
शिवांश के अनुसार, उन्होंने बचपन से ही अपने आसपास के लोगों को कड़ी मेहनत करते देखा है, जिससे उन्हें यह सीख मिली कि कड़ी मेहनत के बिना कुछ भी हासिल नहीं होता है।